जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराया हुआ है। आए दिन लोग पानी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। भीषण गर्मी के चलते जलस्रोत भी सूखते जा रहे हैं। एक मटकी पानी के लिए कई मीटर दूर जाना पड़ रहा है। वहीं शौचालय के लिए पानी की अधिक जरूरत होती है। एक व्यक्ति को कम से एक बाल्टी की जरूरत है। पानी संकट के चलते ग्रामीण क्षेत्र के लोग एक-एक बूंद सहेज रहे हैं। इसके चलते शौचालय का उपयोग नहीं हो पा रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत बकाया भुगतान दिलवाए जाने के लिीए कई प्रयास किए जा चुके हंै। जल्द ही कराया जाएगा। बजट नहीं भी होगा तो मंगवाया जाएगा।
सत्यनारायण चौधरी, जिला प्रमुख टोंक
ये सही है कि शौचालय निर्माण के लिए हर प्रकार के जतन कर लिए, लेकिन मूल समस्या पानी पर ध्यान नहीं दिया गया। ऐेसे में गांवों में बने शौचालय उपयोग में नहीं आ रहे हैं।
देवलाल गुर्जर, अध्यक्ष, सरपंच संघ, टोंक