जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 में जब टोंक जिले की आबादी 12 लाख ही थी। उस दौरान बेड़े में बसों की संख्या 110 थी। अब जिले की आबादी 16 लाख से अधिक होने के बावजूद भी बेड़े में महज 73 बसें ही है।
83 की जगह 73 शिडयूल का संचालन
जिले की 150 ग्राम पंचायतों सहित प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लोगों को आवाजाही की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए टोंक आगार की ओर से बसों का संचालन किया जा रहा है। इसको लेकर रोडवेज की ओर से 83 की जगह 73 शिडयूल का संचालन किया जा रहा है।
जिले की 150 ग्राम पंचायतों सहित प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लोगों को आवाजाही की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए टोंक आगार की ओर से बसों का संचालन किया जा रहा है। इसको लेकर रोडवेज की ओर से 83 की जगह 73 शिडयूल का संचालन किया जा रहा है।
27784 किमी प्रतिदिन का सफर
टोंक आगार की बसें प्रतिदिन प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लिए 27784 किमी का सफर तय कर रही है। टोंक आगार से राजस्थान के कोटा, जयपुर, सवाईमाधोपुर, करौली, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेंर, सीकर, झुझुनू के अलावा दिल्ली, यूपी, एमपी सहित अन्य स्थानों के लिए बसों का संचालन हो रहा है।
टोंक आगार की बसें प्रतिदिन प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लिए 27784 किमी का सफर तय कर रही है। टोंक आगार से राजस्थान के कोटा, जयपुर, सवाईमाधोपुर, करौली, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेंर, सीकर, झुझुनू के अलावा दिल्ली, यूपी, एमपी सहित अन्य स्थानों के लिए बसों का संचालन हो रहा है।
15 बस अनुबंध पर: टोंक आगार में निगम की बसों के अलावा 15 बसें भी अनुबंध पर विभिन्न मार्गो पर संचालित है। इन बसों को मिलाकर कुल 88 बसे टोंक डिपों से संचालित हो रही है।
टोंक आगार में उपल्ब्ध बसों द्वारा समय पर यात्रियों को सुलभ व सुरक्षित यातायात के लिए निगम की ओर से बेहतर प्रयास किए जा रहे है। बसों की कमी के लिए मुख्यालय आवगत करया हुआ है।
रामचरण गोचर, मुख्य प्रबंधक टोंक आगार।
रामचरण गोचर, मुख्य प्रबंधक टोंक आगार।