इतना ही नहीं कई विद्यालय में तो कक्षा-कक्षों की व्यवस्था नहीं है। ऐसा ही आलम पलाई क्षेत्र के बोसरिया के राजकीय उमावि में भवन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से विद्यार्थियों को जर्जर भवन, बरामदा या परिसर के पेड़ों के नीचे बैठ कर शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है।
शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को समस्या की जानकारी होने के बावजूद भी अपनी जिम्मेदारी के प्रति गम्भीर नहीं है। वहीं ऐसा ही हाल पलाई व कचरावता के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालयों में देखने को मिल रहा है।
भवन जर्जर होने से कक्षा-कक्षों कमी होने के कारण विद्यालय में पर्याप्त जगह नहीं है।
भवन जर्जर होने से कक्षा-कक्षों कमी होने के कारण विद्यालय में पर्याप्त जगह नहीं है।
बरसात के दिनों में बारिश से विद्यालय भवन में सीलन आकर उसकी छत टपकनें लगती है। भवन की पटिटयां टुटी होने एवं कमरों, बरामदे में दरारें पडऩे के कारण विधार्थियों को भवन का गिरने का भय बना रहता है। शिक्षकों के मजबूरी के चलते हुए बालक-बालिकाओं को जर्जर भवन व खुलें में पेड़ों के नीचे बैठा कर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है। विद्यालय में शिक्षकों के कुल 19 पद सृजित है, जिसमें 4 पद रिक्त चल रहे है।
खूब किए प्रयास
इधर प्रधानाचार्य इन्द्रा जैन का कहना है कि भौतिक व्यवस्था सुधारने के लिए भसकर प्रयास किया है एवं शौचालय एवं पानी की सुविधाएं भी जुटाई जा रही है। शाला भवन मरम्मत योग्य है, जिसके बारे में कई बार विभाग व उच्चधिकारियों को अवगत करा चुके है तथा पहले से इसमें सुधार भी हुआ है। चारदीवारी का निर्माण कार्य प्रकियाधीन है। जैसे ही विभाग में बजत आएगा तो मरम्मत कार्य करा दी जाएगी।