खतरे में डाल रहे जान, बहते पानी को पार कर रहे लोग
कुरेड़ा रपट : पुलिस- प्रशासन नहीं दे रहा है ध्यान

पीपलू(रा.क.). उपखंड क्षेत्र में सहोदरा नदी पर बनी अलग-अलग रपट पर लगातार हो रहे हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीं लोग भी जान जोखिम डालकर लगातार इन रपट को पार करने का जोखिम उठा रहे हैं। वहीं प्रशासन द्वारा कोई एहतियात कदम लगातार हो रहे हादसों के बावजूद नहीं उठाए गए हैं। उपखंड क्षेत्र कुरेड़ा में सहोदरा नदी उफान पर हैं। जहां वहां मौजूद स्थानीय ग्रामीणों की समझाइश के बाद भी पीपलू निवासी दो युवक मोटरसाइकिल पर सवार होकर इस उफनती रपट को पार करने का जोखिम ले बैठे। इसके बाद दोनों युवक मोटरसाइकिल सहित रपट के तेज बहाव में बहते हुए नदी में जा गिरे। वहां मौजूद स्थानीय गोताखोरों ने नदी में उनको बचाने के लिए छलांग लगाते हुए काफी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया। वहीं करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मोटरसाइकिल को भी रस्सी से खींचकर बाहर निकाला।
एक सप्ताह में तीसरा हादसा
कुरेड़ा के लोकेश मीणा ने बताया कि रपट पर 16 अगस्त को जहां निवाई क्षेत्र का तुर्किया निवासी एक 16 वर्षीय युवक बाइक सहित नदी में जा गिरा था। वहीं 17 अगस्त को कुरेड़ा का ही एक 13 वर्षीय किशोर नहाते समय रपट के पाइप के अंदर से बहकर नदी में जा गिरा था। वहीं गुरुवार शाम को भी एक बार फिर हादसा हुआ हैं। हालांकि सभी हादसों में यहां के स्थानीय गोताखोर की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन बहाव और तेज होने पर गोताखोर भी रिस्क नहीं ले पाएंगे।
जंवाली, गहलोद हादसों से नहीं लिया सबक
गत दिनों जहां सहोदरा नदी की जवाली रपट को पार करते समय चार जने बह गए थे, जिनमें से दो को बचा लिया गया था दो बहाव में बह गए थे। बाद में एसडीआरएफ टीम ने सर्च अभियान चलाकर दोनों के शव निकाले थे। वहीं गहलोद में बनास नदी में नहाते समय पर दो किशोर अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं बुधवार को भी कुरेड़ा का एक व्यक्ति गहलोद में बाइक से उछलकर पानी गिर गया था, लेकिन वहा मौजूद लोगों ने तत्काल उसका हाथ पकड़ते मशक्कत के साथ बचा लिया। इन हादसों के बाद भी न तो लोग सावधानी बरत रहा हैं न ही प्रशासन कोई सख्त कदम उठा रहा हैं।
अनदेखी से हो सकता हैं बड़ा हादसा
लगातार हो रहे हादसे के बावजूद रपट के दोनों और किसी भी प्रकार के सूचना बोर्ड या संकेतक नहीं लगाए गए हैं। ऐसे में वहां से गुजरने वाले लोगों को कितने फीट पानी रपट से बह रहा हैं उसका अंदाजा नहीं होता हैं तथा वह रपट को पार करने का जोखिम उठा रहे हैं। जबकि सहोदरा बांध की चल रही चादर सहित कैचमेंट एरिया में बारिश होने के कारण लगातार पानी की आवक जारी हैं। रपट को पार करते समय कई पशु बह गए।
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