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उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर लटके ताले, गांवों में पटरी से उतरी स्वास्थ्य सेवा

locationटोंकPublished: Sep 24, 2020 05:43:58 pm

Submitted by:

pawan sharma

उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर लटके ताले, गांवों में पटरी से उतरी स्वास्थ्य सेवा
 

उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर लटके ताले, गांवों में पटरी से उतरी स्वास्थ्य सेवा

उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर लटके ताले, गांवों में पटरी से उतरी स्वास्थ्य सेवा

लाम्बाहरिसिंह. चिकित्सा विभाग द्वारा अनदेखी से गांवों में चिकित्सा सेवा पटरी से उतर गई है। क्षेत्र के झाड़ली व कुहाड़ा गांव में राजकीय उप स्वास्थ्य केन्द्रों में लम्बे समय से स्वीकृत एएनएम के पद रिक्त होने के कारण ताले लगे हुए है। इससे ग्रामीणों को मुख्यमंत्री दवा वितरण योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, जिससे मरीजों को निजी चिकित्सकों से मोटी रकम खर्च कर इलाज करवाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
चिकित्सक कमलेश माली ने बताया कि उपस्वास्थ्य केन्द्र झाडली व कुहाडा पर स्वीकृत एएनएम के पद रिक्त पड़े होने के कारण एक साल से केन्द्रों पर ताला लटका हुआ है। वहीं विभाग द्वारा टीकाकरण कराया जा रहा है। पंचायत समिति पूर्व उपप्रधान कपूर चन्द जैन ने बताया कि झाड़ली गांव में राजकीय उप स्वास्थ्य केन्द्र व राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय पर स्वीकृत चिकित्साकर्मी के पद रिक्त पड़े होने के कारण दोनों अस्पतालों पर ताले लटके पड़े है।

कोख के दर्द को नहीं लगा मरहम

स्वास्थ्य केन्द्र के अधीन आने वाले आठ उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर जननी को राहत नहीं मिल रही है, उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर बीते दो सालों से केन्द्रों पर संस्थागत प्रसव सुविधा बंद पड़ी है। ऐसे में प्रसूताओं को लम्बी दूरी कर प्रसव कराने विवश होना पड़ रहा है।
उपखण्ड में छह केन्द्र बंद

मालपुरा बीसीएमएचओ संजीव चौधरी ने बताया कि उपखण्ड में 34 उपस्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। इनमें सात केन्द्रों पर स्वीकृत एएनएम पद रिक्त चल रहे है। झाड़ली, कुहाडा, डोरिया, मलिकपुर, डूगरीकलां गांवों में संचालित केन्द्रों में एएनएम पद रिक्त व कलमण्डा गांव में केन्द्र पर स्वीकृत चिकित्साकर्मियों के पद रिक्त होने से बंद पड़े है, वहीं मोरला में एक एएनएम पद रिक्त पड़ा है।
चिकित्सा मंत्री से नहीं मिली राहत
झाड़ली व कुहाड़ा गांव से ग्रामवासियों ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के समक्ष अस्पतालों में रिक्त पड़े चिकित्साकर्मियों के पद भरने की मांग कर ज्ञापन सौंप गुहार लगाई थी, लेकिन आज तक रिक्त पद नहीं भरने के कारण ग्रामीणों को राहत नहीं मिली है।
चांदी कूट रहे नीम-हकीम
गांवों में चिकित्सक के नाम से नीम-हकीम मरीजों का उपचार कर जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे है। झोला छाप खुले में काउंटर लगा चिकित्सक बता मरीजों को झांसा देकर जान जोखिम में डाल खुले में मोटी रकम वसूल रहे है।
जिले में 43 केन्द्रों पर स्वीकृृत एएएनम पद रिक्त पड़े है। विभाग द्वारा रिक्त एएनएम पद भरने के बाद ही राहत मिल सकेगी। उपचार कर रहे चिकित्सकों व नीम हकीमों के पास से दस्तावेजों की जांच की जा रही ह। अवैध दस्तावेज मिलने पर जिले में एक साथ कार्रवाई की जाएगी।
अशोक यादव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, टोंक
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