बैठक में पूर्व पालिकाध्यक्ष आशा नामा, पार्षद मोहम्मद हनीफ सहित अन्य कुछ पार्षदों ंने बजट नोट की प्रति समय पर नहीं मिलने, पूर्व के कुछ कार्यादेशों को निरस्त करने, ग्राम पंचायत बृजलालनगर में सफाई व रोशनी व्यवस्था बंद करने, नामदेव समाज के सामुदायिक भवन के लिए आरक्षित भूमि को निरस्त करने की कार्रवाई पर विरोध प्रकट किया। वहीं पार्षद श्योजीराम, महेन्द्र गंवारिया, युधिष्ठर सिंधी ने गत बैठक की कार्रवाई रिपोर्ट अब तक प्राप्त नहीं होने पर आक्रोश प्रकट करते हुए बैठक की कॉपी उपलब्ध करवाने की मांग रखी।
बैठक में विधायक कन्हैयालाल चौधरी ने बताया कि बजट बैठक में केवल बजट के अनुमोदन पर ही विचार किया जाना चाहिए। यदि पार्षद अन्य मु़ुद्दो पर विचार करना चाहते हैं तो सात दिन बाद बैठक पुन: बुलाई जा सकती है। पालिका उपाध्यक्ष पवन मेन्दवास्या ने कहा कि बोर्ड के सभी सदस्य विकास के नाम पर एक है और एक ही रहेंगे। वहीं अधिशासी अधिकारी द्वारा नगरपालिका की आय बढ़ाने पर विचार करने की बात सदन में रखते ही पार्षद आशा नामा, मोहम्मद हनीफ व अतीक हसन ने बजट बैठक में अन्य मुद्दों पर विचार नहीं किए जाने की बात कहकर हंगामा किया।
बैठक में अधिशासी अधिकारी मीणा ने सदन के पटल पर वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान को रखा। इसमें गृह कर से 88 लाख, चुंगी पुनर्भरण से 2 करोड़ 69 लाख 61 हजार, तामिर स्वीकृति एवं अन्य से 77 लाख 05 हजार, भूमि विक्रय से 3 करोड़ 54 लाख, विविध आय के मद में 6 लाख 60 हजार, अनुदान से 14 करोड़, 41 लाख 40 हजार व अन्य से 2 लाख 59 हजार रूपये की आय का अनुमान लगाया गया। वहीं व्यय में वेतन सहित अन्य आवश्यक व्यय में 9 करोड़ 20 लाख 43 हजार , घरोहर राशि भुगतान से 23 करोउ़ 35 लाख 59 हजार रूपये व्यय के बाद 2 करेाड़ 46 लाख 67 हजार रुपए अन्तिम शेष का अनुमान लगाया गया।
वाल्मीकि समाज ने सौंपा ज्ञापन बैठक के दौरान शशि गोयर के नेतृत्व में वाल्मीकिसमाज का प्रतिनिधिमंडल विधायक कन्हैयालाल चौधरी से मिलकर ज्ञापन सौंपकर नगरपालिका में गत बोर्ड में 65 सफाई कर्मचारियों की भर्ती में हुई अनियमितता की जांच करवाने, जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियो व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर भर्ती को निरस्त करने की मांग की।
ओवरफ्लो पानी आने तक नहीं पहनेंगे साफा विधायक कन्हैयालाल चौधरी ने संकल्प लिया कि जब तक बीसलपुर बांध के ओवरफ्लो पानी को टोरड़ी सागर बांध नहीं डाला जाता है तब तक वे किसी भी सार्वजनिक समारोह में साफा नहीं पहनेंगे। इसी के चलते बोर्ड बैठक में विधायक ने केवल माला स्वीकार की।