यज्ञशाला स्थल पर बाबा बालकदास त्यागी के सान्निध्य में यज्ञाचार्य सन्तोष शास्त्री द्वारा मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना करवाई गई। राजस्थान बृजभाषा अकादमी के कलाकारों द्वारा भगवान
कृष्ण की विभिन्न रासलीलाओं की नृत्य व नाटिकाओं के रूप में मंचन किया तथा फूलों की होली खेली। देर रात तक श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम का आनन्द लिया।
कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह, वृताधिकारी डॉ. हरिप्रसाद सोमानी, पूर्व जिला प्रमुख रामबिलास चौधरी ने भी शिरकत करते हुए हवन यज्ञ में हिस्सा लिया। संयोजक दिनेश विजय, रामचन्द्र नामा, रमेश बाबा, कृष्णगोपाल गुर्जर, दुर्गालाल नामा, धर्मचन्द नायक सहित सदस्यों ने अतिथियों का स्वागत किया।
शबरी माता की मूर्ति स्थापना में उमड़ा श्रद्धा का सैलाबआवां. भील समाज की ओर से कस्बे के श्रीरामेश्वर महादेव
मंदिर में शबरी माता की मूर्ति की स्थापना के आयोजन में धर्म की गंगा बह निकली। समाज बन्धुओं की ओर से गुरुवार सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक शोभायात्रा निकाली गई। लगभग 300 महिलाओं ने कलश धारण कर तेजाजी के चौक से रामेश्वर महादेव मंदिर तक कलशयात्रा निकाली।
इस दौरान शबरी माता के जयकारों से वातावरण धर्ममय हो गया। पोखर भील, प्रभु लाल, प्रहलाद, कालू, प्रकाश और राजेन्द्र भील ने बताया कि संत सूरजकरण, संत ओम के कर-कमलों एवं यज्ञाचार्य पण्डित मुरलीधर शर्मा के सान्निध्य में शबरी माता की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। इस बीच मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए अन्न, जल, दूध इत्यादि में वास करवाकर शास्त्रीय रीति-नीति से यज्ञादि क्रियाएं भी सम्पन्न कराई। दोपहर बाद समाज की प्रतिभाओं का सम्मान भी किया गया।
वक्ताओं ने सामाजिक समरसता और सौहार्द बढ़ाने के लिए सबका साथ लेने को प्रेरित किया है। शिक्षा के बढ़ावे के साथ कुरीतियां मिटाने पर निर्णय किए गए। इधर, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार महेन्द्र भारद्वाज भी कार्यक्रम में शामिल हुए। इससे पूर्व बुधवार रात्रि जागरण में लोगों का हुजूम उमड़ा। श्रद्धालु भोर होने तक भजनों की गंगा मे गोता लगाते रहे। मंदिर में गत दो दिन से ओम नम: शिवाय के जाप व
शिव मंत्र गुंजयमान हो रहे हैं तो महिलाएं शबरी माता की महिमा की गीत बड़े चाव से गा रही है।