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नवाबों की नगरी टोंक में डीजे-बैंड बजा तो नहीं होगा निकाह, इस समाज ने पेश की अनूठी पहल

locationटोंकPublished: Apr 19, 2018 11:13:03 am

Submitted by:

pawan sharma

शादी वाला परिवार अन्य शहर से काजी भी नहीं बुला सकता।
 

मुफ्ती आदिल नदवी

टोंक. डीजे बजाने के दौरान शहर में कई बार हुए तनाव को दूर करने तथा फिजूल खर्ची पर रोक के लिए शहर के उलेमा, इमाम व काजियों ने सख्त कदम उठाया है।

जलालूद्दीन खान

टोंक. डीजे बजाने के दौरान शहर में कई बार हुए तनाव को दूर करने तथा फिजूल खर्ची पर रोक के लिए शहर के उलेमा, इमाम व काजियों ने सख्त कदम उठाया है। इसके तहत जिस घर में शादी के दौरान डीजे, बैंड, ढोल-ताशे बजाने समेत अन्य दिखावटी फिजूल खर्ची होगी वहां निकाह की रस्म अदा नहीं कराई जाएगी।
ऐसे में शादी नहीं होगी। शादी वाला परिवार अन्य शहर से काजी भी नहीं बुला सकता। बाहर से बुलाए गए काजी से निकाह नहीं कराने दिया जाएगा। इसका निर्णय शहर के इमाम-उलेमा तथा काजियों ने किया है। इसमें शहर के सभी काजियों ने स्वीकृति दी है कि वे शादी में डीजे, बैंड तथा ढोल-ताशे बजाने वालों के यहां निकाह की रस्म अदा नहीं कराएंगे। वे उस घर में ही निकाह कराएंगे जो शरीयत के मुताबिक सादा विवाह करेंगे। इसके लिए शहर के तमाम मुस्लिम बिरादरियों के मुखियों से मुलाकात की जा रही है।

ये है बड़ा कारण
दिखावटी शादी के चक्कर में लोग घरों की महंगी सजावट के साथ शादी से पहले कई दिनों तक डीजे तथा ढोल-ताशे बजाते हैं। इसमें काफी रुपया खर्च होता है। इससे शादी वाले परिवार पर आर्थिक भार बढ़ जाता है। उलेमाओं का कहना हैकि शादी में ये सब शरीयत के खिलाफ है। नाच-गाना तथा किसी भी प्रकार साउंड नहीं होना चाहिए।

झगड़े के कारण भी बन चुके
शहर में डीजे साउण्ड तथा बैंड कई बार झगड़े का कारण बन चुके। इसके बाद जिला प्रशासन ने डीजे बजाने की अनुमति लेने के आदेश जारी कर दिए, लेकिन इस पर रोक नहीं लग पाई है। लोग इस फिजूलखर्ची की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
कोशिश कर रहे हैं
शहर के तमाम काजियों की बैठक ली गई है। इसमें तय किया गया है कि वे डीजे-बैंड बजाने वालों के यहां निकाह नहीं कराएंगे। शादी शरीयत के मुताबिक होनी चाहिए। लोग समझ नहीं रहे हैं और दिखावे के चक्कर में फिजूलखर्ची कर रहे हैं। इस राशि से किसी गरीब की बेटी की शादी कराई जा सकती है।
– मुफ्ती आदिल नदवी
शरीयत की ओर बढ़ते कदम
ये निर्णय बेहतर है। इससे लोगों के कदम शरीयत की ओर बढ़ रहे हैं। दिखावे में लोग ऐसा कर रहे हैं, जिन्हें समझाया जा रहा है। पाबंदी भी लगाई जा रही है।
– मौलाना मोहम्मद उमर नदवी
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