इस बात को लेकर समाज में भारी रोष व्याप्त है और सरकार ने 15 दिन का टाइम सरकार को दिया है कि इन प्रक्रियाधीन भर्तियों में 5 प्रतिशत आरक्षण को लागू किया जाना सुनिश्चित करें अन्यथा समाज को आंदोलन का रूख अख्तियार करना पड़ेगा । जिसकी जिम्मेदार पूरे तरीके से सरकार होगी। पूर्व में भी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ने गुर्जर आरक्षण को लेकर हमेशा उदार रवैया अपनाया है और समाज के साथ हमेशा न्याय किया है
ऐसे में एक बार फिर समाज सरकार से यह उम्मीद करता है कि सरकार उनकी मांगों को पूरी तरीके से मानेगी इस मांग के लिए लगभग 100 से ज्यादा एमपी और एमएलए ने भी सरकार को पत्र लिखे हैं लेकिन कार्मिक विभाग द्वारा उक्त पत्र के संदर्भ में कोई कार्यवाही नहीं की गई बल्कि रटा रटाया जवाब देकर उक्त मामले को रफा-दफा करने की नीति अपनाई गई है ।
बैक लाग पदों के मुद्दे के साथ ही इस वर्ग के हजारों युवाओं का भविष्य भी अटका हुआ है। जिला कलक्टरी में ज्ञापन से पूर्व गांधीपार्क में हंसराज गुंजल के साथ सभी संगठनों के पदाधिकारियों और बेरोजगार युवकों ने सांकेतिक धरना दिया। इस मौके पर छात्रसंघ अध्यक्ष धारासिंह फागणा अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के जिलाध्यक्ष कुलदीप महुआ, अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के जिलाध्यक्ष विनोद बोकण, पंचायत समिति सदस्य मुकेश गुर्जर, धनराज सिसोला, मुकेश गुर्जर बनेठा, राजेंद्र गुर्जर, सरदार गुर्जर, खुशीराम गुर्जर, प्रधान पालड़ा, शैतान बमोर, भरत गुर्जर, राजेंद्र गुर्जर, मनीष कसाणा, राजाराम खलीलपुरा, अजय डोई, दिनेश जंवाली, बोलताराम डोडवाड़ी सहित सैंकड़ों युवा मोजुद थे।