डेढ़ साल बाद मिलेगी मेडिकल कॉलेज की सुविधा
दिसम्बर में शुरू होगा निर्माण
शिक्षा व चिकित्सा सचिव ने किया निरीक्षण
फिलहाल चिकित्सा क्षेत्र में है हालात खराब
जयपुर जैसी चिकित्सा सुविधा मिलेगी
टोंक. जिले के लोगों को जयपुर के एसएमएस जैसी चिकित्सा सुविधाओं में अभी डेढ़ साल और लगेगा। दरअसल टोंक में युसुफपुरा चराई में स्वीकृत मेडिकल कॉलेज का निर्माण दिसम्बर-जनवरी से शुरू होगा।

डेढ़ साल बाद मिलेगी मेडिकल कॉलेज की सुविधा
दिसम्बर में शुरू होगा निर्माण
शिक्षा व चिकित्सा सचिव ने किया निरीक्षण
फिलहाल चिकित्सा क्षेत्र में है हालात खराब
जयपुर जैसी चिकित्सा सुविधा मिलेगी
टोंक. जिले के लोगों को जयपुर के एसएमएस जैसी चिकित्सा सुविधाओं में अभी डेढ़ साल और लगेगा। दरअसल टोंक में युसुफपुरा चराई में स्वीकृत मेडिकल कॉलेज का निर्माण दिसम्बर-जनवरी से शुरू होगा।
इसके पूर्ण निर्माण में डेढ़ साल का समय लगेगा। ऐसे में वर्ष 2022 से जिले के लोगों को जयपुर जैसी चिकित्सा सुविधा जिले में ही मिलने लगेगी। इसके साथ ही टोंक से जयपुर रेफर पर भी अंकुश लग जाएगा।
मेडिकल कॉलेज निर्माण को लेकर चिकित्सा एवं शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने गुरुवार को युसुफपुरा चराई का निरीक्षण किया। उन्होंने युसुफपुरा चराई में स्वीकृत जमीन का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने जलदाय विभाग के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए कि मेडिकल कॉलेज में पेयजल व अंडर वाटर का शुरू किया जाए।
विद्युत वितरण निगम के अधिशासी अभियंता मथुरालाल मीणा को निर्देश दिए कि मेडिकल कॉलेज के 32 केवी सब स्टेशन का प्रस्ताव भेजे। ताकि मेडिकल कॉलेज को निर्बाध बिजली मिल सके। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंताओं से कहा कि जयपुर-कोटा राष्टीय राजमार्ग से युसुफपुरा चराई तक फिलहाल सिंगल लेन सड़क है, इसे दो लेन बनाया जाए। इसका भी प्रस्ताव तैयार करने को कहा। इसके बाद उन्होंने सआदत अस्पताल का निरीक्षण किया और चिकित्सा अधिकारियों की बैठक ली।
इसके बाद जनाना अस्पताल का निरीक्षण कर उसके समीप सार्वजनिक निर्माण विभाग की जमीन देखी। चिकित्सकों ने बताया कि इस जमीन को अस्पताल में देने के लिए तत्कालीन जिला कलक्टर ने सरकार के पास प्रस्ताव भेजा था। यह जमीन अस्पताल को मिलती है तो वहां अन्य चिकित्सा भवन व धर्मशाला का निर्माण किया जा सकता है।
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने सआदत अस्पताल में कोविड-19 को लेकर रोगियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके, इसके तहत चल रहे सिविल वर्क का अवलोकन किया।
उन्होंने टेस्टिंग लैब, आइसोलेशन वार्ड, कोविड केयर सेन्टर, आइसीयू बैड, ऑक्सीजन सपोर्ट बैड, ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट आदि के चल रहे कार्य की गुणवत्ता का जायजा लिया।
गालरिया ने सीइओ नवनीत कुमार से कोरोना जागरूकता जन आन्दोलन नो मास्क-नो एन्ट्री तथा पीएमओ नवीन्द्र पाठक से जिले में कोविड-19 की स्थिति को लेकर जानकारी ली।
325 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी
राज्य सरकार ने टोंक में मेडिकल कॉलेज के लिए 325 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की थी।
राज्य सरकार को प्रदेश में हनुमानगढ़, दौसा, टोंक, सवाईमाधोपुर तथा झुंझुनूं जिले में मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए केन्द्र सरकार से सेन्ट्रल स्पोन्सर्ड स्कीम के तहत स्वीकृति प्राप्त हुई थी।
मिलेगी सुविधाएं
मेडिकल कॉलेज बनने के बाद जिले के मरीजों को उपचार में सुविधा मिलेगी। साथ ही जयपुर रैफर की स्थिति बंद सी हो जाएगी।
कुछ महीनों पहले तात्कालीन जिला कलक्टर के. के. शर्मा ने मेडिकल कॉलेज के लिए युसुफपुरा चराई में 20 एकड जमीन आवंटित की थी। मेडिकल कॉलेज बनने के बाद करीब 60 हजार मरीजों का उपचार हर महीने होगा।
मेडिकल कॉलेज में जयपुर जैसे वरिष्ठ विशेषज्ञों से उपचार मिल सकेगा। गौरलतब है कि जिला मुख्यालय स्थित जिला सआदत अस्पताल महज 275 बेड का है।
इसमें जिलेभर से प्रतिदिन मरीज आते हैं। प्रतिदिन ओपीडी करीब 1600 तथा इनडोर सवा दो सौ रहती है। सआदत अस्पताल से औसतन प्रति दिन 8 से 10 मरीज जयपुर रैफर किए जाते हैं।
महीने में ये आंकड़ा 270 से 280 के बीच होता है। राज्य सरकार की ओर से दी गई स्वीकृति के बाद जिले के मरीजों को उपचार में सुविधा मिलेगी। उन्हें उपचार के लिए जयपुर नहीं जाना पड़ेगा।
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