इनमें सें तो कई ऐसे डॉक्टर्स व नर्सिंगकर्मी ऐसे भी है जो पूर्व में प्रथम लहर में कोरोना पॉजिटिव हो चुके है। डॉक्टर्स सहित स्टाफ के कोरोना संक्रमित होने से इनके परिवार में भी भय बना हुआ है। कोविड-19 रोगियों के इलाज में जुटे डॉक्टर्स को दो मोर्चो पर संघर्ष करना पड़ रहा है, पहला तो खुद को सुरक्षित रखना, वहीं दूसरा परिजनों को समझाना की वह खुद भी सुरक्षित रह करके ही काम मे जुटे हुए है।
पहली लहर में परिवार से दूर
कोरोना की पहली लहर में जहां राज्य सरकार के आदेशों की पालना में कोरोना फ्रंट लाइन वॉरियर के रहने व खाने की व्यवस्थाएं जिला प्रशासन द्वारा अधिग्रहण किए गए होटल, गेस्ट हाउस, धर्मशालाओं में की गई थी। ताकि यह लोग अपने परिवार व क्षेत्र के लोगों को कोरोना संक्रमण से बचा सके। पहली लहर के दौरान ही सआदत अस्पताल के चिकित्सक लेब टेक्नीशियन सहित 20 नर्सिगकर्मियों की टीम दो महीने तक परिवार से दूर रह कर कोरोना संक्रमितों की देखभाल व सेम्पल संग्रहण में लगी हुई थी।
व्यवहार में भी आ रहा है बदलाव: परिजनों को कहना है कि कोरोना के फं्र टलाइन वॉरियर ड्यूटी खत्म करके अपने घर पर ना आकर सीधे ही होटल चले जाते थे, लेकिन इन दिनों वो सीधे ही अपने घर पर आ रहे है। कई कोरोना वॉरियर ने बताया कि पहले मोहल्ले वाले बिना किसी हिचक बात करते थे, लेकिन कुछ दिनों से उनके व्यवहार में भी बदलाव आ रहा है। वो बस अब दूर से ही नमस्कार कर आगे चल देते है। साथ ही घर पर आने वाले पड़ोसियों ओर परिचितों का आवागमन भी लगभग बंद सा हो गया है। ऐसे में परिवार वालों में भी चिड़चिड़ापन बढऩे लगा है।
पहले भी हो चुके है संक्रमित
कोरोना की पहली लहर में जिला मुख्यालय पर स्थित सआदत अस्पताल के आठ चिकित्सक, 26 नसिॄगकर्मी के अलावा जिले के आधा दर्जन से अधिक डॉक्टर व दो दर्जन से अधिक नर्सिगंकर्मी भी संक्रमित हो चुके है।
कोरोना की पहली लहर में जिला मुख्यालय पर स्थित सआदत अस्पताल के आठ चिकित्सक, 26 नसिॄगकर्मी के अलावा जिले के आधा दर्जन से अधिक डॉक्टर व दो दर्जन से अधिक नर्सिगंकर्मी भी संक्रमित हो चुके है।
चिकित्सकों व नर्सिंग कर्मियों की स्थिति
सआदत अस्पताल में चिकित्सकों के 68 पद स्वीकृत है, जिसमें 41 चिकित्सक कार्यरत है और 28 के पद रिक्त है। वहीं नर्सिंगकर्मी के स्वीकृत 219 पदों के वितरित 149 ही कार्यरत है। नर्सिंगकर्मी के 72 पद रिक्त है।
कोरोना की दूसरी लहर में सआदत अस्पताल में कार्यरत स्टॉफ कर्मी भी आए दिन कोरोना संक्रतित हो रहे। इस कारण अस्पताल में बढ़ते मरीजों के भार के बावजूद कम स्टॉफ में भी उपलब्ध चिकित्सा एवं संसाधनों के सहयोग बेहतर उपचार के प्रयास किए जा रहे है। कोरोना वॉरियर के रहने के लिए अलग से रहने की व्यवस्था करने के लिए उच्चधिकारियों को अवगत कराया हुआ है।
डॉ बीएल मीणा, उप नियंत्रक, सआदतअस्पताल, टोंक
डॉ बीएल मीणा, उप नियंत्रक, सआदतअस्पताल, टोंक