पत्रिका ने इस संबंध में पड़ताल की तो जानकारी में आया कि कोरोना पीडि़तों को 14 दिन के लिए सुबह-शाम एक-एक टेबलेट लेनी होती है। कोरोना पीडि़तों को दी जा रही प्रमुख दवाओं में इसे शामिल किया गया है। इसके बावजूद पीपलू अस्पताल में यह दवा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में कई मरीजों को यह दवा बाहर से खरीदनी पड़ती है। पत्रिका ने जानकारी की तो पता चला कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन 200 एमजी की 28 टेबलेट मेडिकल से खरीदने पर 185 रुपए देने होते हैं।
इनका कहना हैं
पीपलू अस्पताल में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन 200 एमजी टेबलेट उपलब्ध नहीं है। इसको लेकर सीएमएचओ कार्यालय पर डिमांड भेजी हुई है। उपलब्ध होते ही मरीजों को भी उपलब्ध करवाई जाएगी। – डॉ. रामअवतार माली, सीएचसी प्रभारी, पीपलू
पीपलू अस्पताल में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन 200 एमजी टेबलेट उपलब्ध नहीं होने की जानकारी मिली है। सेंटर स्टोर में पर्याप्त दवा उपलब्ध है, वहां क्यों नहीं है इसका पता करवाते हुए तत्काल इसकी कमी को दूर कराएंगे।- डॉ. अशोक कुमार यादव, सीएमएचओ, टोंक
ई-संजीवनी ओपीडी सेवा से परामर्श शुरू, मरीजों को कतारों से मिली मुक्ति टोंक. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते लोगों को घर बैठे परामर्श सेवाओं के लिए राज्य सरकार की ओर से ई-संजीवनी ओपीडी सेवा शुरू की गई है। इससे अस्पतालों में भीड़ नियंत्रण कर कोरोना खतरे को कम किया जा सकेगा। लोगों को सुलभता और सरलता से परामर्श मिल जाएगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार यादव ने बताया कि ई-संजीवनी ओपीडी सेवा में अस्पतालों में चिकित्सक सुबह 8:30 बजे से दोपहर 2 बजे तक नि:शुल्क परामर्श देंगे। इस सेवा का लाभ ऑडियो के साथ वीडियो कॉल पर भी उपलब्ध है। रोगी को पंजीयन के बाद जो टोकन नम्बर मिलेगा, उसे लॉगइन करने के बाद डॉक्टर के परामर्श की प्रक्रिया शुरू होगी।
सीएमएचओ ने बताया कि प्ले स्टोर से ई-संजीवनी ऐप डाउनलोड करने के बाद रजिस्ट्रेशन पर क्लिक किया जाएगा। जहां मरीज को अपनी जानकारी और मोबाइल नंबर एंटर करने होंगे। मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। जिसे सेव करना होगा। जिसके बाद ई-संजीवनी एप पर मरीज अपने मोबाइल नंबर और पासवर्ड में उसे टोकन नंबर डालकर लॉगइन करेगा। इसके बाद उसे जिस डॉक्टर से परामर्श लेना है, उसकी जानकारी एंटर करनी पड़ेगी और लगभग 10 से 15 मिनट के अंदर मरीज को परामर्श मिल जाएगा।