जहां जांच के बाद चिकित्सक सी.पी. बैरवा ने सखी वन स्टॉप का महिला को मानसिक चिकित्सक से परामर्श लेने का कहा। जिला कलक्टर नवनीत कुमार ने इस कार्य के लिए लेखाधिकारी ग्रामीण विकास परिषद टोंक शंकरलाल हाथीवाल एवं सामाजिक कार्यकर्ता नीलिमा आमेरा को उसके परिजनों को तलाश करने की जिम्मेदारी सौंप दी।
दोनों ने महिला की बोलचाल की भाषा में उससे जानकारी ली तो महिला ने अपना नाम ऊद्दी बताया तथा भीपुर की रहने वाली है। उसके बेटे का नाम सूरज एवं जीत्या व पति का नाम नाथू है। भीपुर गांव मालपुरा के धोली ग्राम पंचायत में भी होने के कारण सम्बधित पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी को जानकारी देने के निर्देश दिए।
बाद में पता चला कि जयपुर जिले की आमेर पंचायत समिति में बगड़वा ग्राम पंचायत में भी भीपुर एक गांव है। जब भामाशाह वेबसाइट पर महिला के नाम को तलाशा गया तो पाया कि महिला का नाम ग्राम भीपुर पंचायत समिति आमेर में है। परिजनों से सम्पर्क किया एवं ऊद्दी के बारे में जानकारी दी तो परिजनों ने बताया कि वो उसकी मां ही है। परिजनों ने बताया कि यह गत 8 फरवरी से गुमशुदा है। निरंतर तलाश की जा रही है। इसके गुम हो जाने के इश्तिहार भी प्रकाशित करवाए हैं। बाद में परिजन टोंक आए एवं अपनी वृद्ध मां को देख खुशी के आंसू छलक पड़े।
आश्रितों को सहायता
टोंक. जिला कलक्टर नवनीत कुमार ने अलग-अलग दुर्घटनाओं में दो मृतकों के आश्रितों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है। कलक्टर ने बताया कि मृतक हेमराज पुत्र अम्बालाल गुर्जर निवासी जौंला तहसील पीपलू एवं कमलेश पुत्र शंकरलाल मीणा निवासी श्रीराजधानपुरा पोस्ट दत्तवास तहसील निवाई के आश्रितों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से एक-एक लाख रुपए आर्थिक सहायता स्वीकृत की है।