पानी के टैंकर डलवा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उपखंड क्षेत्र के सोहेला-डिग्गी स्टेट हाइवे 117 सहित क्षेत्र के विभिन्न गांवों से गुजर रही बीसलपुर पाइप लाइन के वॉल्वों से लंबे समय से प्रतिदिन लाखों लीटर पानी व्यर्थ बह रहा है।
इसके बावजूद अधिकारियों को जल की महत्वता समझ में नहीं आती है। इसलिए सरकार की ओर से दिया गया नारा पानी बचाओ सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह जाता है। शनिवार को भी पीपलू कस्बे में सांसद की जनसुनवाई में वार्ड नं. 8 में एक बूंद भी पानी नहीं आने को लेकर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया था।
इतना ही नहीं पीपलू कस्बे के बाशिन्दों को 48 घंटे में केवल 45 मिनट पानी की सप्लाई मिलती हैं। जितने पानी की जरुरत कस्बेवासियों को है, उससे अधिक मात्रा में तो बीसलपुर पेयजल लाइन के वॉल्वों से व्यर्थ बहता है।
देखरेख के लिए तैनात होते हैं कार्मिक
पीपलू से झिराना, हाडीकलां, सोहेला के बीच कई स्थानों लंबे समय से इन वॉल्वों से पानी 24 घंटे व्यर्थ बहता है। हालांकि आस-पास के कई लोग व्यर्थ बहते पानी से पानी भरने को लेकर पहुंचते हैं। देखरेख को लेकर प्रतिमाह लाखों रुपए का भुगतान किया जाता है, उसके बावजूद बीसलपुर का पानी इस तरह बर्बाद हो रहा है।
48 घण्टे में होगी पेयजल सप्लाई टोडारायङ्क्षसह में बीसलपुर बांध का जल स्तर गिरने को लेकर पर्याप्त जलापूर्ति नहीं होने से रविवार को 48 घण्टे में जलापूर्ति शुरू की गई है। सहायक अभियंता प्रांशु विजयवर्गीय ने बताया कि सूरजपुरा फिल्टर प्लांट के सीड्ब्ल्यूआर से वाटर लेवल डाउन होने से झिराना चाकसू जलापूर्ति पाइप लाइन में आपूर्ति कम हो रही है। ऐसे में गांवों के साथ रविवार से शहरी क्षेत्र में भी कटौती की गई है। जिसके तहत नगरपालिका क्षेत्र के 25 वार्डों में अब 48 घण्टे के अंतराल में जलापूर्ति की जाएगी।