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हलक में जाने से पहले वॉल्व व एयर पाइपों से रोजाना बह रहा है लाखों लीटर पानी

locationटोंकPublished: Feb 15, 2020 03:07:35 pm

Submitted by:

pawan sharma

बीसलपुर बांध परियोजना की बीसलपुर-टोंक-उनियारा पेयजल परियोजना के तहत लगाये गये वॉल्व व एयर पाइपों से रोजाना लाखों लीटर पानी बह रहा है

हलक में जाने से पहले वॉल्व व एयर पाइपों से रोजाना बह रहा है लाखों लीटर पानी

हलक में जाने से पहले वॉल्व व एयर पाइपों से रोजाना बह रहा है लाखों लीटर पानी

राजमहल. बीसलपुर बांध परियोजना की बीसलपुर-टोंक-उनियारा पेयजल परियोजना के तहत लगाये गये वॉल्व व एयर पाइपों से रोजाना लाखों लीटर पानी बह रहा है, जिसकी जानकारी जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के आला अधिकारियों के साथ ही योजना पर कार्य कर रही एलएण्डटी कम्पनी के कार्मिकों व इंजीनियरों को होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि बीसलपुर-टोंक-उनियारा पेयजल परियोजना के तहत बीसलपुर वन क्षेत्र से गुजर रही पाइप लाइनों पर लगे एयर पाइपों के साथ ही योजना के तहत पाइप लाइनों पर लगे वॉल्वों से रोजाना लाखों लीटर पानी व्यर्थ बह रहा है। यह पानी पिछले कई महिनों से आए दिन व्यर्थ बहने के बाद भी इसे रोकने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे है, जिसके बारे में एलएण्डटी कम्पनी के राजमहल फिल्टर प्लांट मैनेजर शादाब खान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वन क्षेत्र में आए दिन पशु चरवाहे वाल्वों को तोड़ देते है, जिससे पानी प्लांट तक नहीं पहुंचकर एयर पाइपों में से बाहर निकलने लगता है।

बह रहा बीसलपुर पेयजल परियोजना का पानी
आवां. क्षेत्र के खवासपुरा पंचायत मुख्यालय पर बीसलपुर पेयजल परियोजना की ओर से लगाए गए नलों में टोटियां नहीं होने हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह रहा है। जानकारी अनुसार जिले के अधिकांश हिस्सों में भूमि में फ्लोराइड पानी है। लोगों को शुद्ध पेयजल पानी उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने कुछ साल पहले करोडों रुपए की बीसलपुर पेयजल परियोजना शुरू की थी।
इस परियोजना के तहत देवली, उनियारा, टोंक, मालपुरा आदि क्षेत्रों के हजारों गांवों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया था। इसके तहत गांव-गांव में नल लगाए गए थे। इनमें सुबह- शाम करीब दो-दो घंटे पानी की सप्लाई की जाती है, लेकिन इनका रखरखाव समय पर नहीं करने से इनसे हजारों लीटर पानी रोजाना व्यर्थ बह रहा है।
क्षेत्र के खवासपुरा पंचायत मुख्यालय पर भी इसी तरह की स्थिति बनी हुई है। वहां इस परियोजना के तहत लगे नलों में टोटियां नहीं होने से हजारों लीटर पानी रोजाना व्यर्थ बह रहा है। ऐसे में इस परियोजना का लाभ लोगों को व्यापक रूप से नहीं मिल पा रहा है। वही इस पानी से फैले कीचड़ से भी मौसमी बीमारियां फैलने का अंदेशा बना हुआ है।

ठीक करा दी जाएगी व्यवस्था
इस पेयजल सप्लाई के प्रभारी लक्ष्मण ने बताया कि टोटियां टूटने की जानकारी नहीं है। वैसे भी परियोजना के नलों की सुरक्षा और रखरखाव का जिम्मेदारी स्थानीय लोगों की ही है फिर भी खवासपुरा में टोटियां नहीं है तो वहां टोटियां लगा दी जाएगी।

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