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कथक की कई मुद्राओं का कराया अभ्यास

locationटोंकPublished: Feb 10, 2016 07:38:00 am

Submitted by:

santosh

महानगरों से निकल कर यहां ग्रामीण क्षेत्रों को विद्यार्थियों को कथक नृत्य दिखाना एवं सिखाना अच्छा अनुभव है।

महानगरों से निकल कर यहां ग्रामीण क्षेत्रों को विद्यार्थियों को कथक नृत्य दिखाना एवं सिखाना अच्छा अनुभव है, नि:संदेह इन विद्यार्थियों के लिए भारतीय संस्कृति को जानने, समझने एवं सीखने का अच्छा अवसर है। उक्त विचार मोनिसा नायक ने जिले के दो विद्यालयों में स्पिक मैके की वर्कशॉप डेमोन्स्ट्रेशन सीरीज के तहत आयोजित कथक नृत्य कार्यक्रमों के दौरान व्यक्त किए।

स्पिक मैके को-ओर्डिनेटर हरिमोहन बंसल ने बताया कि नायक ने अपनी शिष्या महिमा गुप्ता के साथ पहला कार्यक्रम राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बामला में विष्णु वंदना पर नृत्य प्रस्तुति से प्रारम्भ किया। राग बागेश्री में निबद्ध सरगम पर तराना प्रस्तुत करने के बाद छात्र-छात्राओं को मंच पर बुलाकर कथक नृत्य की प्रारम्भिक मुद्राओं का अभ्यास करवाया। दूसरे कार्यक्रम मेें स्वामी विवेकानंद स्कूल कुंजेड़ में शिव स्तुति पर नृत्य कर कार्यक्रम की शुरूआत की।

कथक में तीन ताल के प्रयोग को नृत्य द्वारा समझाया, यहां की छात्र-छात्राओं को मंच पर बुलाकर अपने साथ कथक के प्रारम्भिक चरणों तत्कार, चक्कर, हस्त मुद्राएं, पदसंचलन आदि का अभ्यास करवाया व एक गुरू वंदना सिखाई। बामला में पिं्रसिपल राजकुमार मंगल एवं शिक्षक ओमप्रकाश गौड़ ने तथा कुंजेड़ स्कूल में संचालक भोजराज मालवीय ने कलाकारों का स्वागत किया।
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