इसके बाद विकास अधिकारी मुकेश पोरवाल व मनरेगा सहायक अभियन्ता प्रेमचंद बैरवा ने मनरेगा श्रमिकों को समस्या का समाधान करने के आश्वासन दे कर पंचायत समिति से रवाना हो गए, लेकिन मनरेगा श्रमिकों ने समस्या का समाधान नहीं होने तक करीब दो घंटे तक पंचायत समिति के बाहर प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर धरना देना शुरू किया। पंचायत समिति पर मनरेगा श्रमिकों के धरने की सूचना के बाद अलीगढ़ पुलिस भी मौके पर पहुंची।
जहां पुलिस ने महानरेगा श्रमिकों से मामले को लेकर समझाइश की गई, लेकिन श्रमिक उच्चाधिकारियों को मौके पर बुलाने व समस्या का जल्द समाधान करने के लिए अड़े रहे। करीब डेढ़ घंटे बाद उनियारा तहसीलदार हनुमान प्रसाद मीना व विकास अधिकारी मुकेश पोरवाल ने मनरेगा श्रमिकों से मामले को लेकर समझाझश की गई।
मनरेगा श्रमिकों ने तहसीलदार हनुमान प्रसाद मीना से मनरेगा कार्यस्थल की जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने व जमीन की नापजोख करवाकर व अतिक्रमियों को पाबंद करने की मांग की गई। मनरेगा श्रमिक भरतलाल, रामसहाय मीना, रामकिशन मीना, टीकाराम, देशराज मीना, जाहिद खान सहित दर्जनों महिला व पुरुष मनरेगा श्रमिकों काआरोप है