अब तक प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से कस्बे में अतिक्रमण हटाना तो दूर मौके तक पर नहीं पहुंचे। जिसको लेकर गांव में कई जगह का विकास कार्य अधुरा पड़ा है। इसी प्रकार सालों बाद पंचायत क्षेत्र में मनरेगा कार्य की शुरुआत हुई है। यहां भी अतिक्रमण के कारण मनरेगा श्रमिकों को आए दिन अतिकर्मियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
रविवार को अतिक्रमण के चलते शिकुडी सडक़ के कारण श्रमिकों को ठाले बैठे रहकर वापस लौटना पड़ा है। सूचना के बाद भी प्रशासन का कोई नुमाइंदा मौके पर नहीं पहुंचा। उल्लेखनीय है कि कस्बे के राजमहल लाखोलाई ग्रेवल सडक़ मार्ग पर मनरेगा के तहत ग्रेवल डालने का कार्य चल रहा है, जहां आधे से अधिक सडक़ मार्ग का कार्य हो चुका वही आगे प्रभावशाली लोगों ने अतिक्रमण कर रास्ते को बंद कर रखा है।
ऐसे में श्रमिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, अगर श्रमिक अतिकर्मियों के खेत की मेड पर खुदाई का कार्य करते हैं तो अतिकर्मी विवाद पर उतारु होते है। ऐसे में सडक़ पर कार्य करवाना मुश्किल हो रहा है। जिसके बारे में विकास अधिकारी देवली, हल्का पटवारी आदि को लिखित में अवगत करवा दिया गया है।
नगरफोर्ट. मांडकला रोड व तहसील मुख्यालय से 100 मीटर की दूरी पर राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों की लापरवाही, अनदेखी तथा उदासीनता के चलते हुए सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन की अनदेखी से जमीन उपलब्ध नहीं बचेगी। ग्रामीणों ने प्रशासन से अतिक्रमण हटाने की मांग की है।
पंचायत क्षेत्र में अतिक्रमण के मामले को लेकर उपखंड प्रशासन सहित जिला कलक्टर टोंक को कई बार ज्ञापन दिया गया है मगर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। इसी प्रकार मनरेगा कार्य में अतिक्रमण की रुकावट को लेकर पूर्व में ही विकास अधिकारी देवली को पत्र लिखा गया था मगर कोई कार्यवाही नहीं होने से श्रमिकों को ठाले बैठे रहना पड़ता है।
- किशन गोपाल सोयल, सरपंच ग्राम पंचायत राजमहल
- किशन गोपाल सोयल, सरपंच ग्राम पंचायत राजमहल