इसमें तीन मोबाइल फोन पर लगातार एक-दूसरे से बात चल रही थी। उनकी लोकेशन मंदिर में भी थी। इसी आधार पर पुलिस चोरी के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मामले में पुलिस ने तीन जनों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक आदर्श सिधू ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सदर थाने के सामने मदरसे के पास निवासी शाहरुख पुत्र हनीफ, पुरानी टोंक खिडकी दरवाजा निवासी अकबर पुत्र सिकंदर तथा मोहम्मद मियां उर्फ तामीर पुत्र मोहम्मद उमर उर्फ लाडला है। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने अस्तल रोड स्थित एक कुएं से मंदिर से चोरी हुआ दानपात्र निकाला था।
पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया और रिमाण्ड पर लिया है। पुलिस मंदिर से चोरी हुई मूर्तियों का पता लगा रही है। उन्होंने बताया कि गत 17 जनवरी की रात को माणक चौक स्थित दिगम्बर नेमीनाथ मंदिर से चोर अष्टधातु की 24 मूर्तियां व दानपात्र ले गए थे।
दूसरे दिन 18 जनवरी को पुलिस ने मौका मुआयना कर मामला दर्ज कर किया था। मामले में जैन समाज ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी ज्ञापन सौंपकर मामले का खुलासा करने की मांग की थी। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विपिन शर्मा के मार्गदर्शन में उपाधीक्षक सौरभ तिवारी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया।
इस टीम में कोतवाली थाना प्रभारी विजयशंकर शर्मा, पुरानी टोंक थाना प्रभारी बंशीलाल, एएसआई रामेश्वर प्रसाद, साइबर सैल के हैड कांस्टेबल प्रेमचंद, रतनलाल, राजेश, अब्दुल वहाब, चन्द्रप्रकाश, शंकरलाल, हवेन्द्रसिंह को शामिल किया।
उन्होंने तकनीक का उपयोग करते हुए आरोपियों को हिरासत में लिया। पूछताछ में आरोपियों ने वारदात कबूल कर ली। पुलिस आरोपियों से अब मूर्तियों का पता लगा रही है। पुलिस अधीक्षक आदर्श सिधू ने 24 घंटे में मूर्तियां बरामद करने का दावा किया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपी पहले भी नसिया मंदिर में हुई चोरी का आरोपी रहा है।
उन्होंने बताया कि आरोपी दिन के समय सूने मंदिरों की रैकी करते थे। देर रात लोगों के सोने के बाद वारदात को अंजाम देते थे। जैन दिगम्बर जैन मंदिर हुई चोरी की वारदात खोलने के लिए पुलिस साइबर सैल का साथ लिया। टीम ने देर रात क्षेत्र के मोबाइल फोन की लोकेशन ली। इसी आधार पर चोरी के आरोपी गिरफ्तार हुए।