मानसून की बैरूखी से पौधशाला में कैद हुए ढ़ेड लाख से अधिक पौधे
मानसून की बैरूखी के चलते कुछ दिनों से अच्छी बारिस नहीं हो पाने से उत्कृष्टता केन्द्र की दर्जनों पौधशालाओं में कैद लाखों पौधें अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे है।

दूनी. अमरूद उत्कृष्टता केन्द्र एवं राजहंस नर्सरी में उद्यान विभाग की ओर से तैयार किए फल, फूल, सजावटी एवं छायादार की विभिन्न किस्मों के लाखों पौधे क्षेत्र में अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे है। हालांकि मध्यम दर्जे की बारिस के बाद विभाग ने हजारों पौधें विक्रय किए है। इस बार अच्छी बारिश नहीं हो पाई तो हजारों पौधे अगले वर्ष तक पौधशालाओं में कैद ही रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि बारिश से पूर्व व समय पर लगाने को लेकर उद्यान विभाग ने उत्कृष्टता केन्द्र में मातृ, कलम एवं कटिंग विधि से फल, फूल, सजावटी व छायादार की विभिन्न किस्म के लाखों पौधे तैयार करा विक्रय के लिए विभाग की ओर से प्रति पौधे की दर जारी की गई। इसके बाद शुरू हुई बारिश से पूर्व बाद में राज्य के विभिन्न जिलों से आए किसान सहित ग्रामीणों को ५० हजार पौधे विक्रय कर दिए।
पर अचानक मानसून की बैरूखी के चलते कुछ दिनों से अच्छी बारिस नहीं हो पाने से उत्कृष्टता केन्द्र की दर्जनों पौधशालाओं में कैद लाखों पौधें अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे है। गौरतलब है कि उत्कृष्टता केन्द्र में उद्यान विभाग की ओर से फल, फूल, सजावटी व छायादार की विभिन्न किस्म के अनार, अमरूद, अमरूद बीजू, आम, आवला बीजू, कटहल, करोंदा बीजू, करोंदा अमरीकन रेड, गुलाब, जामून, नीबू कागजी, पपीता ताइवान, बेलपत्र बीजू, सीताफल बीजू, गुडहल, बोंगनबेलिया, अशोक, मोरपंखी, हेज, हारसिंगार सहित नीम, शीशम, सागवान, अमलताश, अर्जून, खेजड़ी के करीब डेढ़ लाख से अधिक पौधें तैयार कराए गए।
इसमें से करीब ५० हजार पौधे तो विक्रय किए जा चुके है, लेकिन एक लाख से अधिक पौधे विक्रय होने के इंतजार में केन्द्र पौधशालाओं में रखे हुए है। वहीं क्षेत्र के किसानों की ओर से टोकन मनी जमा करा पपीता फल की विभिन्न किस्म के करीब २५ हजार पौधे तैयार कराए गए थे, लेकिन मानसून की बैरूखी से अच्छी बारिश नहीं होने से किसान उन्हें नहीं ले जा पाए। इससे पपीता पौधों के खराब होने को लेकर चिंता बनी हुई है।
अमरूद उत्कृष्टता केन्द्र एवं राजहंस इकाई नर्सरी में तैयार फल, फूल, सजावटी व छायादार की विभिन्न किस्म के पौधें अच्छी बारिश आने के बाद विक्रय हो सकेंगे। पौधे खराब नहीं होंगे, इन्हें अगले वर्ष विक्रय कर दिया जाएगा। सबसे अधिक चिंता टोकन मनी जमा कराने के बाद भी पपीता के पौधों को किसानों की ओर से नहीं ले जाने से उनके खराब होने की चिंता होने लगी है।
ओ. पी. यादव, उपनिदेशक, अमरूद उत्कृष्टता केन्द्र एवं राजहंस इकाई नर्सरी, देवड़ावास
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