यंू तो बैठक दोपहर 2.30 बजे शुरू होनी थी, लेकिन भाजपा के सात पार्षद के बैठक में नहीं आने के चलते पीठासीन अधिकारी जर्नादन शर्मा ने करीब 30 मिनट सदन की सीमा बढ़ाई। इसके बाद 3 बजे बैठक शुरू की गई। जहां पालिकाध्यक्ष रेखा जैन ने रखे जाने वाले 6 प्रस्ताव पढऩा शुरू किए।
तभी कांग्रेस पार्षद भीमराज जैन, सुमित्रा सैन, आबिद हुसैन, हरेन्द्र बैरवा, बबीता रैगर, राजेन्द्र तेजी, विवेकानंद वैष्णव सभी प्रस्तावों पर सहमति जताते हुए सदन से निकल गए। इस दौरान पालिकाध्यक्ष रेखा जैन प्रस्ताव पढ़ती ही रह गई। उन्होंने पार्षदों से प्रस्ताव सुनने का आग्रह किया, लेकिन तब तक सभी पार्षद सदन छोड़ जा चुके थे।
बैठक में कर्मचारियों को भूखण्ड आवंटन पर विचार, दोहरे पट्टों के सम्बन्ध में विचार सहित एक से 6 तक के सभी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिए गए। वहीं सफाई कर्मचारियों में दो से अधिक संतान वाले प्रकरण में मण्डल ने न्यायालय के निर्णय के बाद कार्रवाई करने की बात कही।
इसी प्रकार दशहरा मैदान में टॉय टे्रन व अन्य विकास कार्यों के लिए 640 लाख की डीपीआर सरकार को भेजने पर सहमति हुई। इस दौरान सत्तारुढ़ भाजपा के पालिका उपाध्यक्ष जितेन्द्र चौधरी सहित 7 पार्षद बैठक में अनुपस्थित रहे। बैठक में अधिशासी अधिकारी जर्नादन शर्मा, सहायक अभियंता नरेन्द्र मिश्रा आदि उपस्थित थे।
पार्षदों की आंतरिक कलह उजागर नगर पालिका मण्डल की बैठक मेें सत्तारुढ़ पार्टी भाजपा के सात पार्षद गैर हाजिर रहे। जबकि इनकी संख्या पालिकाध्यक्ष समेत 9 है। इनमें पालिका उपाध्यक्ष जितेन्द्र चौधरी, प्रियंका बंसल, अवनि जिन्दल, रिन्कू मंगल, किशन गोपाल साहू, बुद्धिप्रकाश साहू, शिवराज मीणा अनुपस्थित रहे।
जबकि कांग्रेस की शिखा जैन, कहकशां खानम, बसपा से ओमप्रकाश चौहान व निर्दलीय पार्षद सीमा कंवर भी अनुपस्थित रहे। इस दौरान भाजपा के सात पार्षदों के अनुपस्थित रहने से मण्डल में चल रही आंतरिक कलह जगजाहिर हो गई। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी जयपुर-कोटा पुराना राजमार्ग व शहर के गौरव पथ शिलान्यास कार्यक्रम में भाजपा पार्षद अनुपस्थित रहे थे।
…तो बैठक हो जाती स्थगित सदन शुरू होने के दौरान पार्षदों की संख्या कम होने के चलते कुछ देर तो यह अंदेशा रहा कि कोरम पूरा नहीं होने पर बैठक स्थगित होगी, लेकिन एक के बाद एक सदन में कुल 9 पार्षद उपस्थित हो गए। इसके चलते कोरम पूरा हो गया। अधिशासी अधिकारी जर्नादन शर्मा ने बताया कि यह संख्या सात से कम रहने पर बैठक नियमानुसार स्थगित करनी पड़ती है। इस दौरान बैठक में चारों सहवृत पार्षद यज्ञेश दाधीच, पदमचंद जैन, विनोद खूंटेटा, रतन मंगल भी मौजूद रहे।