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नाता प्रथा का नासूर झेल रहे बच्चे, नही मिल रहा माता-पिता का प्यार

locationटोंकPublished: Feb 18, 2019 02:27:16 pm

Submitted by:

pawan sharma

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नाता प्रथा का नासूर झेल रहे बच्चे, नही मिल रहा माता-पिता का प्यार

टोंक. बाल विवाह में अधिकतर शादियां बेमेल होने के कारण टूट रही है। इसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। माता-पिता झगड़ा चुकाकर नाता प्रथा से दूसरा घर बसा लेते हैं। ऐसे में ये बच्चे बिन मां-बाप के होने वाली परवरिश में पलते हैं। कई बार उन्हें शिक्षा तक नहीं मिल पाती।
कुछ ऐसे ही बच्चों की दास्तां बाल विवाह को लेकर जागरूकता के लिए चलाए जा रहे लाडो शक्ति संवर्धन अभियान में देखने को मिली है। अभियान में शामिल ग्राम मित्रों का दल सांखना ग्राम पंचायत व ग्राम पंचायत हरचन्देडा में पहुंचा तो उन्हें दो बच्चियां ऐसी मिली जिनके बारे में सुनकर वे चौंक गए।
ग्राम मित्रों ने बताया कि सांखना ग्राम पंचायत निवासी 15 वर्षीय किशोरी जब छोटी ही तब ही माता-पिता के बीच अनबन हो गई। ऐसे में दोनों अलग-अलग हो गए। बाद में मां तथा पिता ने नाता प्रथा से दूसरे विवाह कर लिए। उसकी दादी ने तरस खाकर उसे पाला, लेकिन कुछ दिनों बाद ही दादी की भी मौत हो गई।
ऐसे में दादा ने पाला, लेकिन जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए उन्होंने भी उसकी 11 साल की उम्र में ही शादी कर दी। अब वह ससुराल नहीं जाकर पढऩा चाहती है, लेकिन घर के हालात उसे आगे पढ़ाना नहीं चाहते हैं। उसने ग्राम मित्रों से हॉस्टल में रहकर पढ़ाई पूरी कराने की गुहार लगाई है।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत हरचन्देडा की किशोरी मुफ्लिसी में जैसे-तैसे कर 12वीं में पढ़ती है। एक वर्ष की उम्र में ही विवाह हो गया। इसी प्रकार भैरूंलाल की मृत्यू के बाद बेटी प्रिया, मोनिका और प्रिन्स पालनहार के लिए भटक रहे हैं। अभियान दल ने इनका आवेदन तैयार कराने की कवायद की है। साथ ही अन्य आवेदन तैयार कराए।
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