संसार में मनुष्य जन्म तो लेता है, लेकिन सांसारिक चकाचौंध के आगे धर्म के मार्ग से विमुख होने लगता है । इससे उसका जीवन चिंतामय होने लगता है। मनुष्य संसार में रहकर जीवनयापन करते हुए धर्म के मार्ग से विमुख नहीं हो तो वह इस जीवन का कल्याण कर सकता है।
मां बालक की प्रथम गुरु होती है तथा उसके जीवन में संस्कार डालने का कार्य करती है। उसे गुरु सही मार्ग व नेकी करने की सीख प्रदान करते हंै। धर्म के मार्ग पर चलकर ही वह जीवन का कल्याण कर सकता है। भगवान की शरण में जाने के लिए धर्म के मार्ग पर चलना पड़ता है। इससे मनुष्य जीवन को आनन्दमयी बनाकर सुख की अनुभुति करता है। धर्म के मार्ग पर चलने का रास्ता गं्रथों में समाहित है।धर्मसभा में सीताराम डालमिया, रामचरण विजय, प्रदीप पाटोदी, मुरलीधर विजय आदि मौजूद थे।
अबूझ सावे को लेकर खरीदारी बढ़ी
टोंक. अक्षय- तृतीया पर बुधवार को जिलेभर में शादियों की धूम रहेगी। अबूझ सावे को लेकर बाजारों में रौनक है। कपड़ों से लेकर जूतों, चप्पलों व इलेक्ट्रिक सामानों की दूकानों पर लोगों की भीड़ है। मांगलिक कार्यक्रम से लेकर खरीदारी, गृहप्रवेश, व्यापार आदि की शुरूआत इस मौके पर शुभ बताई गई है।
टोंक. अक्षय- तृतीया पर बुधवार को जिलेभर में शादियों की धूम रहेगी। अबूझ सावे को लेकर बाजारों में रौनक है। कपड़ों से लेकर जूतों, चप्पलों व इलेक्ट्रिक सामानों की दूकानों पर लोगों की भीड़ है। मांगलिक कार्यक्रम से लेकर खरीदारी, गृहप्रवेश, व्यापार आदि की शुरूआत इस मौके पर शुभ बताई गई है।
विभिन्न समाजों के सामूहिक विवाह सम्मेलन भी आयोजित होंगे। प्रशासन ने भी बाल विवाह पर रोकथाम के प्रयास शुरू कर दिए है। पटवारी से लेकर एएनएम को अपने-अपने क्षेत्र में होने वाले विवाह पर नजर रखने के निर्देश दिए गए है।