उन्होंने बताया कि शरीर को स्वस्थ रखने, बीमारियों को दूर रखने का एकमात्र सस्ता साधन रोजाना साइकिल चलाना है। शिक्षक मुकेश शर्मा ने बताया कि वह वर्ष 2008 से ही साइकिल चला रहे हैं। वहीं वर्तमान पदस्थापित स्कूल तक आने जाने का 11 किमी का सफर साइकिल से ही पूरा कर रहे है। वहीं झिराना से पीपलू उपखंड मुख्यालय सहित कई बार टोंक तक का भी साइकिल से सफर कर चुके हैं।
शिक्षक मुकेश शर्मा ने बताया कि वह स्कूल समय से करीब आधे घण्टे पहले अपने घर से साइकिल लेकर निकल जाते है। स्कूल समय के बाद यही समय घर पहुंचने में लगता है। इस तरह साइकिल पर आवाजाही से उन्हें रोजाना एक घंटे का अतिरिक्त समय लगता है। शिक्षक मुकेश शर्मा ने बताया कि वाहनों से निकलने वाले धुंए से पर्यावरण दूषित होता है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर हर नागरिक जागरूक बने इसके लिए वह लगातार वर्ष 2008 से ही साइकिल से सफर कर रहे हैं। नियमित साइकिल चलाने से पर्यावरण के साथ स्वास्थ्य को भी लाभ है।
कलक्टर ने पम्फलेट का विमोचन किया
टोंक. कोरोना जन जागरूकता अभियान के तहत ग्रामीण स्तर पर मेरा गांव, मेरी जिम्मेदारी अभियान शुरू किया गया है। जिले में अभियान के तहत गुरुवार को जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल ने इस पम्फलेट का विमोचन किया। कलक्टर ने कहा कि प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए निरन्तर प्रयासरत है, लेकिन कोई भी अभियान तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक की आमजन की भागीदारी न हो।
इसलिए प्रत्येक व्यक्ति महामारी के समय जिम्मेदार नागरिक का परिचय देते हुए मास्क लगाए, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। जिससे कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर मुरारी लाल शर्मा, आरएएस अधिकारी आनन्दी लाल वैष्णव, जनसम्पर्क अधिकारी अपूर्व शर्मा आदि मौजूद थे।