# Ramadan: पाक रमजान माह में करेंगे इबादत, बिखरेगी ईदुलफितर की खुशियां
जो कोई शख्स इस महीने में किसी का इफ्तार करवाएगा, अल्लाह पाक उसके गुनाह माफ कर देंगे।

टोंक. इबादत, सब्र व रहमत के पाक मुबारक महीने रमजान का चांद बुधवार को दिखाई दिया तो रोजे गुरुवार से शुरू होंगे। इसी को लेकर लोगों ने रमजान की तैयारियां शुरू कर दी है। हालांकि इस बार रमजान भीषण गर्मी में है। यूं तो इबादत का ये महीना भीषण गर्मी में कई बार आया है, लेकिन अब पहले के मुकाबले सुविधाएं बढ़ गई है। गर्मी से बचने के लिए कई संसाधन हो गए हैं।
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जबकि चार दशक पहले तक ऐसा कुछ नहीं था। गर्मी में आने वाले रमजान में लोग पेड़ों की छायां में बैठा करते थे। बुजुर्ग बताते हैं कि छाया में बैठने के बाद पानी में पैर डाल दिया करते थे, ताकि गर्मी से कुछ निजात मिल सके। वर्तमान में हालात ऐसे हैं कि सुबह 10 बजे बाद से ही घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। गर्मी के चलते कूलर भी बेअसर हो रह हैं, लेकिन लोग गर्मी की परवाह किए बगैर इबादत में जुटे रहेंगे।
इधर, उम्मीद है कि रमजान का चांद बुधवार शाम दिखाई देगा। चांद दिखने के बाद से ही तरावीह की नमाज होगी। वहीं पहला रोजा गुरुवार को होगा। बुधवार को चांद नहीं दिखा तो रोजे शुक्रवार से शुरू होंगे। इधर, सैयद असगर अली के अनुसार पैगम्बर हजरत मुहम्मद (स.व.) ने फरमाया कि ऐ लोगों तुम पर एक अजमत वाले महीने का साया आ रहा है। जो बड़ा बरकत वाला महीना है।
इस महीने में एक कदर वाली रात है जो हजार महीनों से बेहतर है। जिस शख्स ने ईमान और एहतेसाब के साथ रोजे रखे उसके तमाम पिछले गुनाह माफ कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ये सब्र का महीना है और सब्र का बदला जन्नत है। ये महीना हमदर्दी का महीना भी है। ये वो महीना है, जिसमें मोमिन के रिज्क में इजाफा कर दिया जाता है।
जो कोई शख्स इस महीने में किसी का इफ्तार करवाएगा, अल्लाह पाक उसके गुनाह माफ कर देंगे। उसे जहन्नुम से निजात का परवाना मिल जाएगा और उसको रोजेदार जितना सवाब दिया जाएगा। ये सवाब उस शख्स को भी अता फरमाया जाएगा, जो दूध में पानी मिलाकर लस्सी की कुछ घूंट पर ही इफ्तार करा दे या सिर्फ पानी से ही इफ्तार करा दे। इस महीने का अव्वल हिस्सा रहमत है।
दरमियानी हिस्सा मगफिरत और आखिरी हिस्सा जहन्नुम से निजात का है। जो कोई शख्स अपने किसी गुलाम या नौकर के काम में कुछ कमी कर देगा या काम कम करवाए या जल्दी छोड़ दे तो उसको भी जहन्नुम से निजात का परवाना मिलेगा।
पहले चलती थी तोपें
नवाबी शहर टोंक में रमजान का चांद दिखाईदेने पर तोपें चलाईजाती थी, लेकिन कईदशक पहले ये बंद कर दी गई। इसके बाद सायरन बजाया जाने लगा, वो भी अब बंद कर दिया गया है। जबकि पहले टोंक में चांद दिखने, सहरी तथा इफ्तार के समय तोपें चलाईजाती थी।
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