काफी संख्या में जिले के पटवारी संभागवार जयपुर धरने में शामिल हो रहे है। कई पटवारियों द्वारा तहसील स्तर पर भी धरने दिए जा रहे है। हड़ताल के कारण आमजन के कामकाज अटक गए। राजस्थान पटवार संघ की ओर से 14 महीने से लगातार आंदोलन किया जा रहा है। 15 जनवरी से पटवारियों ने अतिरिक्त पटवार मंडलों का बहिष्कार किया हुआ है।
हड़ताल से पेंशन, खाद्य सुरक्षा योजना, मेडबंदी योजना, फार्मपॉड, जाति-मूल निवास प्रमाण पत्र, नामांतरण, सीमाज्ञान, फसल बीमा योजना की क्रॉप कटिंग, सहित कई काम अटक गए हैं। खसरा गिरदावरी नहीं होने के कारण लेवी पर होने वाली तुलाई के लिए किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही सम्पर्क पोस्टल पर कई कार्य अटके हुए है, जिनका समाधान नहीं होने पर किसानों में विवाद की परिस्थितियां भी बनी हुई है। लोग तहसील कार्यालय से बिना काम हुए ही वापस लौट रहे है। इस कारण उनका धन व समय भी खराब हो रहा है।
बस्ते काले कपड़े में बंद
जिले के पटवारियों की हड़ताल के कारण किसानों सहित आमजनों के कई कार्य नहीं हो पा रहे है। हड़ताल के कारण जिले के पटवारियों ने विरोध स्वरूप बस्तों को काले कपड़े में बंद कर पटवार मंडलों में जमा करवा दिए है।
गत दिसंबर माह में भी मूक रैली करके सरकार को आगाह किया गया था। सरकार की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। 11 फवरी को पैदल मार्च कर 15 फरवरी से जयपुर में धरना दिया जा रहा है। अब 4 मार्च तक पैन डाउन हड़ताल रखेंगे और 8 मार्च को महिला दिवस पर महिला पटवारी उपवास रखेंगी। अगर जल्दी सरकार ने ग्रेड पर नहीं बढ़ाई और पटवारियों के खाली पदों को नहीं भरा तो अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए भी पटवारियों को मजबूर होना पड़ेगा।
श्योजी राम जाट, तहसील अध्यक्ष पटवार संघ टोंक