
टोंक। राजस्थान के युवा नेता नरेश मीना द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना के 24 घंटे बाद राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। नरेश मीना की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों में आक्रोश है। समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गाड़ियां जला दीं और पुलिस पर पथराव की घटनाएं भी सामने आई। इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। हालांकि, धरना स्थल पर अभी भी तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। मौके पर सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल तैनात है। पुलिस के आला अधिकारी घटना पर नजर बनाए हुए हैं।
यह पहली बार नहीं है जब नरेश मीना को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इससे पहले भी उन्हें तब गिरफ्तार किया गया था जब वे बारां जिले में किसानों की मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। उस समय पुलिस ने उन्हें शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस दौरान भी पुलिस और नरेश मीना के समर्थकों के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिली थी। समर्थकों ने बारां बंद और जिले में युवा आंदोलन की चेतावनी दी थी। हालांकि, नरेश मीना की गिरफ्तारी के बाद अगली सुबह उन्हें एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे।
एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना के बाद नरेश मीना समरावता गांव में धरने पर बैठ गए। उनके साथ सैकड़ों समर्थक भी मौजूद थे। मतदान की समाप्ती के बाद पुलिस नरेश मीना को गिरफ्तार करने समरावता गांव पहुंची। देर रात जब पुलिस ने नरेश मीना को हिरासत में लिया तो उनके समर्थक उनसे भिड़ गए। इस दौरान पुलिस व अन्य वाहनों में आग लगा दी गई और हंगामा खड़ा कर दिया गया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान नरेश मीना मौके से फरार हो गया। इस बवाल के बाद देर रात देवली-उनियारा व आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद करनी पड़ी। मौके पर पुलिस बल बढ़ा दिया गया है और पूरे समरावता गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया।
Updated on:
14 Nov 2024 04:29 pm
Published on:
14 Nov 2024 03:41 pm
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