उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा भेड़ पालन के क्षेत्र में अपनाई गई नवीन तकनीकी से तैयार ‘अविनाश’ भेड़ व कृत्रिम गर्भाधान के क्षेत्र में किए गए अनुसंधानों का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचे। केन्द्र सरकार ने पहली बार फसल बीमा योजना, मृदा जांच योजना लागू कर किसानों को राहत देने का प्रयास किया है।
नई तकनीक खोजें
समारोह की अध्यक्षता करते हुए सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने कहा कि संसदीय क्षेत्र में बरसात की कमी से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसके लिए संस्थान के वैज्ञानिकों को क्षेत्र की स्थिति को देखकर खेतों में अधिक उत्पादन वाली फसलों की नवीन तकनीक खोज कर किसानों तक पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए।
समारोह में जिला प्रमुख सत्यनारायण चौधरी, जिला कलक्टर सूबेसिंह यादव, पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन, पालिकाध्यक्ष सपना टेमाणी, प्रधान सरोज चौधरी, पूर्व विधायक जीतराम चौधरी, केन्द्रीय ऊन विकास बोर्ड के कार्यकारी निदेशक जे. के. मीना, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेशक डॉ. आर. एस. गांधी, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान हिसार के निदेशक डॉ. जी. एन. त्रिपाठी, केन्द्रीय बकरी अनुसंधान मथुरा के निदेशक डॉ. एम. एस. चौहान, राष्ट्रीय शुष्क बागवानी बीकानेर के निदेशक डॉ. पी. एल. सरोज, राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केन्द्र बीकानेर के निदेशक डॉ. एन. वी. पाटील, केन्द्रीय भेड़ फार्म हिसार के निदेशक डॉ. एल. सी. रंगा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डॉ. ए. रहमान भी मौजूद थे।
इससे पहले अतिथियों ने संस्थान के विभिन्न सेक्टर का भ्रमण कर अनुसंधानों की जानकारी ली। प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्घाटन किया। संस्थान द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया गया। पीआर सेल प्रभारी डॉ. आर. सी. शर्मा ने अतिथियों का आभार जताया।