इधर, धुलण्डी के बाद शुक्रवार से ही सौलह दिवसीय गणगौर उत्सव शुरू हो गया। होली एवं गणगौर महोत्सव समिति की ओर से बादशाह की सवारी निकाली गई। ये पुरानी टोंक अजमेर वालों की कोठी से रवाना हुई। ऊंट, घोड़़े व अन्य लवाजमें के बीच छीपों का मोहल्ला, जोशियों का मोहल्ला, माणक चौक, पालुकों का मोहल्ला, मियां का चौक व महावीर चौक होते हुए बादशाह की सवारी घंटाघर पहुंची।
इसके बाद मुख्य बाजार से फिर पुरानी टोंक पहुंची। सवारी में सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने लोगों के साथ होली के गीतो पर नृत्य किया। मनीष तोषनीवाल ने बताया कि इस मौके पर ओ. पी. पाण्डे, नरेश बंसल, विष्णु शर्मा, वृंदावन दास भगत, गोविन्द सोनी, मथरा दास, महावीर शर्मा, राजेन्द्र छीपा, राधेश्याम साहू आदि शामिल थे। इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का जाप्ता साथ चल रहा था।
इसी प्रकार गुर्जर समाज की और से पुरानी टोंक हीरा चौक में कोड़ा मार होली खेली गई। यहां पहुंचे सांसद ने लोगों के साथ फूलों की होली खेली। श्याम मंदिर में भी युवाओं की ने रंग-गुलाल उड़ा होली के गीतों पर जमकर नृत्य किया। शाम को गोल डूंगरी सरवराबाद में माली समाज का मेला भरा। इसी प्रकार काला बाबा स्थित कल्याणरायजी के मंदिर व हताई पर फूलडोल में देर रात तक भजनों का दौर चला।