वहां भी मात्र दो बैंकों को ही आधार कार्ड के लिए अधिकृत किए जाने से बैंकों में लम्बी लाइन लगे रहने से ग्रामीणों को नम्बर नहीं आने से बैरंग लौटना पड़ रहा है। आधार नम्बरों के आधार पर सभी प्रकार के ऑनलाइन कार्य सम्पादित करने का कार्य किया जाता है। प्रदेश सरकार की ओर से भामाशाह कार्ड के स्थान पर अब जन आधार कार्ड बनाया जा रहा है।
विद्यालयों में आरटीई में छोटे-छोटे बालकों के आधार कार्ड नम्बर होने पर ही उनको योजना का लाभ दिया जाता है। सभी प्रकार की सरकारी योजनाओं के आवेदनों में आधार नम्बर मांगे जाते है, लेकिन इसी आधार कार्ड में संशोधन करवाने सहित नवीन आधार कार्ड बनवाने के लिए ग्रामीणों को ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर ई-मित्रों पर सुविधा नहीं मिलने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
आधार कार्ड के कार्य के लिए 25 किलोमीटर मालपुरा आने-जाने की परेशानियों के चलते कई ग्रामीणों के आज तक भी आधार कार्ड नहीं बन पाए है। सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग मालपुरा के प्रोग्रामर पुनित जैन ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार केवल सरकारी विभागों को ही आधार कार्ड बनाने के कार्य के निर्देशों के चलते यह समस्या बनी हुई है। मालपुरा उपखण्ड में मुख्यालय पर स्थित एसबीआई व बड़ौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक इन दो बैंकों में यह कार्य किया जा रहा है उनके पास अन्य विभाग के यहां कार्य शुरु करने के लिए कोई फाईल लगी हुई नहीं है।