इसके चलते उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ा। दूसरी ओर खाद्य सुरक्षा योजना में लगे कर्मचारी-अधिकारी काम तो कर रहे हैं, लेकिन गति इतनी धीमी है कि लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
जबकि सरकार के मंत्री तथा विधायक समेत जनप्रतिनिधि इस योजना का बखान कर लोगों को अच्छी योजना होने को कहकर लाभ लेने को कह रहे हैं, लेकिन अधिकारी-कर्मचारियों की अनदेखी लोगों तथा योजना पर भारी पड़ रही है।
चौंकाने वाली बात ये है कि रसद विभाग में गत 6 महीने से पड़े 400 आवेदन अभी तक जांचें तक नहीं गए हैं। ऐसे में ये योजना से नहीं जुड़ पाए। जबकि इस योजना में जुडऩे के बाद ही पात्र व्यक्ति को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिलता है, लेकिन पात्र व्यक्ति को किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
पहले नहीं थी परेशानी
खाद्य सुरक्षा अधिनियम में नाम जोडऩे के लिए पहले उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में दस्तावेज जमा कराने पड़ते थे। बाद में इसमें बदलाव कर इसे नगर निकाय को दे दिया गया है।
तब लोग आसानी से नगर परिषद तथा नगर पालिका में जाकर योजना में नाम जुड़वा लेते थे, लेकिन बाद में जब इस योजना को रसद विभाग के सुपुर्द कर दिया तो लोगों के लिए परेशानी खड़ी हो गई। लोग रसद विभाग कार्यालय जाते हैं तो उन्हें कोई संतोषपद्र जवाब देने वाला नहीं मिलता।
कोई भी नहीं मिला कार्यालय
काफला बाजार निवासी फतेहमल सैन योजना में नाम जुड़वाने के लिए रसद विभाग के 3 महीने से चक्कर लगा रहे हैं। वे मंगलवार को भी रसद विभाग कार्यालय गए, लेकिन उन्हें कोई नहीं मिला। ऐसे में वे वापस आ गए।
फतेहमल ने बताया कि बार-बार चक्कर लगाने के बावजूद योजना में नाम नहीं जोड़ा जा रहा है। जबकि दस्तावेज सभी सही है। जांच के नाम पर रसद विभाग चक्कर लगवा रहा है। इसके चलते चिकित्सा समेत अन्य योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा है।
कोई सुनवाई नहीं
कालीपलटन निवासी सुरेश महावर, अनिल बैरवा, मोहम्मद खां का पुल निवासी हुसैन खां ने बताया कि आवेदन किए 6 महीने हो गए, लेकिन अभी तक योजना में नाम नहीं जुड़ रहा है। इसकी शिकायतें अब जिला कलक्टर तथा मुख्यमंत्री से की जाएगी।
वहीं दूसरी ओर उपभोक्ताओं को पर्याप्त मात्रा में गेहूं का वितरण भी नहीं हो रहा है। रसद विभाग पुराने चयनितों के आधार पर गेहूं का आवंटन कर रहा है। जबकि उपभोक्ता बढ़ गए हैं। ऐसे में कई को बैरंग लौटना पड़ रहा है।
कुछ समय लगता है
खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जोडऩे के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। पहले आवेदनों की जांच होती है। इसके बाद पात्र व्यक्ति का नाम जोड़ा जाता है। ऐसा नहीं कि ज्यादा समय लग रहा हो। किसी की शिकायत है तो देख लेंगे। वहीं गेहूं अभी पर्याप्त मात्रा में है, अगली बार से गेहूं का आवंटन बढ़ाया जाएगा।
एल. आर. मीणा, जिला रसद अधिकारी, टोंक