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शिक्षिका को पूर्व सेवा का परिलाभ नहीं देने पर उच्च न्यायालय ने जारी किया नोटिस

locationटोंकPublished: Jul 03, 2019 06:20:15 pm

Submitted by:

jalaluddin khan

एक तृतीय श्रेणी शिक्षिका को उसकी पूर्व सेवा का परिलाभ नहीं देने के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ ने राज्य के प्रमुख शिक्षा सचिव प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक, जिला शिक्षा अधिकारी टोंक, मुख्य ब्लॉक प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी मालपुरा को कारण बताओ नोटिस जारी कर 17 जुलाई तक जवाब मांगा है।

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शिक्षिका को पूर्व सेवा का परिलाभ नहीं देने पर उच्च न्यायालय ने जारी किया नोटिस

मालपुरा. एक तृतीय श्रेणी शिक्षिका को उसकी पूर्व सेवा का परिलाभ नहीं देने के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ ने राज्य के प्रमुख शिक्षा सचिव प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक, जिला शिक्षा अधिकारी टोंक, मुख्य ब्लॉक प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी मालपुरा को कारण बताओ नोटिस जारी कर 17 जुलाई तक जवाब मांगा है।

न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह अंतरिम आदेश सोड़ा निवासी तथा वर्तमान में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जयसिंहपुरा में कार्यरत्त शिक्षिका कुसुम कुमारी पारीक द्वारा एडवोकेट लक्ष्मीकान्त शर्मा के जरिए दायर की गई याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए दिए है।
याचिका में बताया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति सीधी भर्ती परीक्षा 2012 के तहत उदयपुर में हुई थी तथा 28 मार्च 2018 को उसकी सेवाओं को नियमित कर दिया गया, लेकिन वर्ष 2013 की सीधी भर्ती परीक्षा में उसका चयन टोंक जिले में हो गया तथा उदयपुर से उसे 16 अक्टूबर 2017 को टोंक जिले के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया, लेकिन टोंक के शिक्षा अधिकारियों द्वारा उसे वेतनमान के रूप में परिविक्षा प्रशिक्षणार्थी के अनुरूप ही दिया जा रहा है।
याचिका इसे चुनौती दी गई। अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद याचिका की प्रति राजकीय अधिवक्ता प्रदीप कलवानिया को सौंपने के आदेश देते हुए अधिकारियों से 17 जुलाई तक जवाब मांगा है।

लोकपाल ने लिया संज्ञान
टोंक. ग्राम पंचायत बिलासपुर उनियारा में मनरेगा योजना के सरकारी धन के दुरूपयोग एवं कार्य करवाने की शिकायत पर लोकपाल ने संज्ञान लिया है।

साथ ही लोकपाल अब्दुल जब्बार ने मौका निरीक्षण किया है। जिला परिषद मनरेगा योजना के समन्वयक पर्यवेक्षक छगन लाल सैनी ने बताया कि ग्रामीणों ने निजी खातेदारी भूमि में ग्राम पंचायत की ओर से मनरेगा योजना के अन्तर्गत जेसीबी चलाकर मस्टररोल जारी कर सरकारी धन के दुरूपयोग की शिकायत लोकपाल को की थी।
इस पर लोकपाल ने उक्त भूमि का मौका निरीक्षण किया। ग्राम पंचायत भवन में मामले की जांच एवं जनसुनवाई की। मौके पर सरपंच राजेन्द्र कुमार मीना, ग्राम विकास अधिकारी/सचिव धर्मेन्द्र कुमार नायक तथा कनिष्ठ तकनीकी सहायक सुनित दीक्षित से मामले की जानकारी ली।
मस्टररोल व भुगतान सम्बन्धी दस्तावेज की जांच की गई।ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव ने बताया कि मस्टररोल गत 23 मईको पंचायत द्वारा निरस्त कर दी गई है एवं कोई भुगतान नहीं हुआ है।
जनसुनवाई के दौरान ग्रामीण प्रेमलाल, प्रहलाद गुर्जर, देवी लाल, लक्ष्मण, हीरालाल, श्योराज ने बताया कि मामले से विवाद होने के कारण पंचायत द्वारा मस्टररोल निरस्त करदी गई थी।

लोकपाल अब्दुल जब्बार ने मामले में राजस्व रिकॉर्ड, मस्टररोल व भुगतान के सम्बन्ध में सरपंच व सचिव के बयान दर्ज किए। पंचायत समिति उनियारा के सहायक अभियंता व जल संसाधन को तकनीकी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
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