scriptvideo: मिड-डे-मिल का पोषाहार भी उधारी पर, दूध के कर्ज में डूबा शिक्षा विभाग | Nutrition of Mid-Day-Mill is also on borrowing | Patrika News

video: मिड-डे-मिल का पोषाहार भी उधारी पर, दूध के कर्ज में डूबा शिक्षा विभाग

locationटोंकPublished: Apr 10, 2019 07:00:15 pm

Submitted by:

pawan sharma

विद्यार्थियों को सप्ताह में तीन दिन दूध देने की योजना सरकार ने दो जुलाई2018 में शुरू की थी।
 

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टोंक. जिले के स्कूल शिक्षा विभाग अन्नपूर्णा दुग्ध योजना के कर्ज में डूबे हुए है। आलम यह है कि दूध विक्रेता रोज स्कूल संचालकों से तकाजा कर रहे है। वहीं मिड-डे-मिल आयुक्तालय तीन महीनों से दूध व पोषाहार का भुगतान नहीं कर रहा है।
ऐसे में ये कर्ज बढकऱ 6 करोड़ 44 लाख रुपए हो गया है। वहीं अब राशि लगातार बढऩे पर दूध डेयरी भी तकाजा करने लगी है। इससे शिक्षकों को एकबारगी तो शर्म सी आने लगी है।
हालांकि वे बच्चों को दूध व पोषाहार मिल रहा है, लेकिन राशि नहीं मिल रही है। ये हालात जनवरी 2019 से है। तब से लेकर अब तक विभाग को राशि नहीं मिली है।


ऐसे शुरू हुई थी योजना
विद्यार्थियों को सप्ताह में तीन दिन दूध देने की योजना सरकार ने दो जुलाई2018 में शुरू की थी। जिले में संचालित सरकारी विद्यालयों के सवा लाख विद्यार्थियों को अन्नपूर्णा दुग्ध योजना के तहत सप्ताह में तीन दिन दूध पिलाया जा रहा है।
मिड-डे-मील योजना के तहत जिले के 1588 राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों व मदरसों के करीब एक लाख 15 हजार विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।

इसमें प्राथमिक स्तर के 75 हजार व उच्च प्राथमिक स्तर के 40 हजार विद्यार्थी शामिल हैं। सरकार की ओर से दूध की व्यवस्था करने के निर्देश राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन लिमिटेड को दिए थे।

8 हजार लीटर दूध रोज
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रतिदिन 8 हजार लीटर दूध स्कूलों तक पहुंच रहा है। इसमें 2 हजार लीटर शहरी क्षेत्र व 6 हजार लीटर दूध ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में जा रहा है। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों को अलग-अलग मात्रा में दूध दिया जाता है।

पोषाहार की स्थिति
विद्यार्थियों को पोषाहार के तहत रोटी-सब्जी, चावल, दाल, रोटी-दाल, खिचड़ी व सप्ताह में एक बार फल का वितरण होता है। इसके साथ ही विद्यार्थी दूध का सेवन भी कर रहे हैं।

जल्द ही भुगतान किया जाएगा
तीन महीनों से राशि नहीं मिली है। इसके लिए उच्चाधिकारियों से बात की जा रही है। जल्द ही ये राशि मिल जाएगी।
– शिवराम सिंह यादव, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक टोंक
फैक्ट-फाइल
राउमावि 235
रामावि 72
राउप्रावि 514
राप्रावि 689
संस्कृत प्राथमिक विद्यालय-11
राउप्रा संस्कृत विद्यालय-25
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय-5

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