राजस्थान के इन मंत्री से मिलने जयपुर पहुंचे तेल मिल मालिक व व्यापारी
सरसों व तेल से स्टॉक सीमा हटाने की गुहार
मंडी व्यापारियों ने जयपुर पहुंच मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास को सौंपा ज्ञापन
टोंक
Published: March 21, 2022 08:26:57 pm
निवाई. क्षेत्र में सरसों की बंपर पैदावार होने के बावजूद भी व्यापारियों और उद्योगपतियों में राज्य सरकार की ओर से सरसों पर स्टॉक सीमा लगाए जाने के कारण असंतोष उपजा हुआ है।
सरसों की खरीद पर स्टॉक सीमा हटवाने को लेकर राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता के नेतृत्व में तेल मिल एसोसिएशन और कृषि मंडी व्यापार मंडल निवाई के पदाधिकारी खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रतापङ्क्षसह खाचरियावास को ज्ञापन सौंपा। तेल मिल मालिक और मंडी व्यापारी पारस पहाड़ी, शिखर जैन, दिलीप बगड़ी, अजय कटारिया, अ$खलि कटारिया, सुरेश भारद्वाज, ओमप्रकाश चंवरियां, ताराचन्द बोहरा, राधामोहन खण्डेलवाल, बुधराम, पदम सेदरिया, सुनिल अग्रवाल ने खाद्य आपूर्ति मंत्री को बताया कि सरसों पर स्टॉक सीमा के कारण प्रदेश में किसानों को सरसों के बंपर उत्पादन होने के बावजूद भी सरसों को मजबूरन दूसरे राज्यों में सस्ते दामों पर बेचना पड़ेगा। जब आवश्यकता पडऩे पर राजस्थान की तेल मिलों को इसी सरसों को महंगे दामों पर खरीदना पड़ेगा। इसलिए राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की ओर से राज्य सरकार से सरसों पर स्टॉक सीमा हटाने की पुरजोर मांग कर रहा है। मंत्री प्रतापङ्क्षसह को संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने अवगत कराया कि भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने स्टॉक सीमा निर्धारित करने के आदेश राज्यों को प्रसारित किए थे। इसके बाद अधिसूचना जारी कर राज्य सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने सरसों तथा सरसों तेल पर स्टॉक सीमा 31 मार्च 2022 तक के लिए प्रभावी कर दी थी। इसके बाद भारत सरकार ने 3 फरवरी 2022 को आदेश जारी कर उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और बिहार को सरसों को स्टॉक सीमा से मुक्त कर दिया है। लेंकिन प्रदेश में अभी भी स्टॉक सीमा लगी हुई है।(ए.सं.)

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