scriptनवरात्र के पहले दिन ही दान पात्र उखाड ले गए चोर | On the first day of Navratri, the charities took away the thieves | Patrika News

नवरात्र के पहले दिन ही दान पात्र उखाड ले गए चोर

locationटोंकPublished: Oct 17, 2020 05:30:53 pm

Submitted by:

pawan sharma

नवरात्र के पहले दिन ही दान पात्र उखाड ले गए चोर
 

नवरात्र के पहले दिन ही दान पात्र उखाड ले गए चोर

नवरात्र के पहले दिन ही दान पात्र उखाड ले गए चोर

राजमहल. एक तरफ नवरात्र की शुरुआत के साथ ही आस-पास के देवी मंदिर परिसर जयकारों से गूंजायमान होने लगे है। वही मंदिर में आते चढ़ावे व भक्तों की भीड़ को लेकर चोर भी सक्रिय होने लगे है। क्षेत्र के माताजी रावता गांव के बरवाल माता मंदिर से शुक्रवार रात को चोरों ने मुख्य दरवाजा तोडकऱ दानपात्र उखाड़ कर ले गए।
मंदिर के पुजारी रामराय मेघवंशी ने बताया कि शुक्रवार को वो शाम की आरती कर अपने घर चला गया था, वही शनिवार अलसुबह मंदिर पर पहुंचा तो मुख्य किवाड़ टूटा पड़ा था। मंदिर के अंदर लगा दान पात्र गायब था। पुजारी के अनुसार पिछले कुछ महिनों से दानपात्र नहीं खोला गया था,जिससे उसमें लगभग तीन से चार हजार की नगदी मानी जा रही है। वारदात की जानकारी पर मंदिर में ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। ुलिस ने घटना की जांच के साथ ही चोरों की तलाश शुरू कर दी है।

डिग्गी कल्याण के आज से होंगे दर्शन
मालपुरा. उपखण्ड की धार्मिक नगरी डिग्गी में श्रीजी का मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए रविवार से खोल दिया जाएगा। मन्दिर में प्रसाद, माला व अन्य पूजा सामग्री ले जाने पर पाबंदी रहेगी।उपखण्ड अधिकारी डॉ.राकेश कुमार मीणा की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि वैश्विक महामारी कोविड 19 के संबंध में जारी गाइडलाइन के अनुसार एवं जिला कलक्टर की ओर से जारी दिशा निर्देशानुसार रविवार से श्रीजी मन्दिर को आम श्रद्धालुओं व दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया जाएगा।
आदेश में बताया गया कि दर्शनों के दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए मन्दिर में प्रवेश व निकास, मन्दिर में प्रवेश व निकास द्वार अलग-लग होंगे।, बिना मास्क वाले श्रद्धालुओं व दर्शनार्थियों को मन्दिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा तथा प्रतिदिन सम्पूर्ण मन्दिर परिसर को हाईपोक्लोराइड से छिडक़ाव अनिवार्य होगा साथ ही मन्दिर में प्रसाद, फूल माला व अन्य पूजन सामग्री ले लाना भी वर्जित होगा।
गौरतलब है कि 22 मार्च से मन्दिर में आम जन के प्रवेश पर पाबन्दी लगाई गई थी। इस दोरान केवल मन्न्दिर के सेवारत पुजारी ही प्रवेश कर नियमित पूजा व आरती करते आ रहे थे। वही मन्दिर ट्रस्ट की ओर से मन्दिर में यात्रियों के प्रवेश करने से पूर्व मन्दिर के बाहर हाथ धोने एवं सेनेटाइजर लगाने की व्यवस्था की गई है।
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