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महावीर जिनालय में दशलक्षण पर्व की पहले दिन उत्तम क्षमा धर्म की पूजा

locationटोंकPublished: Sep 15, 2018 02:37:56 pm

Submitted by:

MOHAN LAL KUMAWAT

श्रीजी को अष्ट द्रव्य सहित अघ्र्य एवं श्रीफल चढ़ाए गए। पंचमी से दशलक्षण पर्व की पूजा शुरू हुई।

Worship of religion

पंचमी से दशलक्षण पर्व की पूजा शुरू हुई।


टोंक. पटेल सर्किल स्थित महावीर जिनालय में दशलक्षण पर्व की पहले दिन उत्तम क्षमा धर्म की पूजा की गई। इससे पूर्व सुरेन्द्र कुमार, रविन्द्र कुमार, जितेन्द्र कुमार एवं वैभव पाटनी निवारिया वालों की ओर से शांति धारा की गई।
पण्डित विपिन शास्त्री सांगानेर संस्थान ने शास्त्र वाचन किया। इसके बाद एक मिनट प्रतियोगिता आयोजित की गई। इधर, पुरानी टोंक स्थित पांचों जैन मंदिर में सुबह श्रीजी का अभिषेक एवं शांति धारा की गई।

श्रीजी को अष्ट द्रव्य सहित अघ्र्य एवं श्रीफल चढ़ाए गए। समाज के प्रवक्ता राजेश अरिहन्त ने बताया कि पंचमी से दशलक्षण पर्व की पूजा शुरू हुई। इसकी सभी ने स्थापना की एवं दस दिनों तक पूजा करने का व्रत धारण किया। श्रावकों ने पर्युषण पर्व के दौरान विभिन्न प्रकार के नियम धारण किए।
इनमें जमीकंद सेवन का त्याग, मिठाई खाने का त्याग, बाल कटवाने का त्याग, सौंदर्य प्रसाधन के उपयोग का त्याग, कई प्रकार की खाद्य सामग्री का त्याग, टीवी-मोबाइल फोन का त्याग, कठोर वचन बोलने का त्याग आदि कई प्रकार के त्याग दस दिनों तक करने का नियम लिया गया। शाम को मंदिर में शास्त्र सभा का आयोजन हुआ। इसमें बताया कि क्षमा धर्म सर्वश्रेष्ठ है। क्षमा अमृत के समान है और क्रोध विष के समान है।
क्षमा हृदय का आभूषण है। उत्तम क्षमा धर्म के दिन शिक्षा लेना चाहिए कि मनुष्य को कभी भी क्रोध का भाव मन में नहीं लाना चाहिए।


मालपुरा. श्रीअग्रवाल सेवा सदन पाण्डुक शिला में शुक्रवार को पं. अंकित शास्त्री के सान्निध्य में पर्युषण पर्व की शुरुआत की गई। प्रथम दिन मंदिरों में उत्तम क्षमा धर्म की पूजा-अर्चना की गई। शास्त्री ने कहा कि दशलक्षण पर्व आत्म कल्याण, आत्मशुद्धि, तप, त्याग, संयम व सादगी का पर्व है।
यह पर्व जोडऩे का नहीं त्याग करने का पर्व है। ऐतिहासिक पर्व जो किसी घटना से जुड़े होते हैं, जबकि जो अनादि काल से चले आ रहे हैं। वह पर्युषण पर्व है।

इधर, कस्बे के आदिनाथ जैन मंदिर, पाण्डुक शिला स्थित शांतिनाथ मंदिर, अग्रवाल मंदिर बृजलालनगर, मंदिर चौधरियान, मंदिर तेरापंथियान, मंदिर टोडान, श्री मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन मंदिर लावा, पाŸवनाथ चैत्यालय, जैन मन्दिर डिग्गी, टोरडी, पचेवर सहित कई मंदिरों में श्रद्धालुओं ने जिनेन्द्र भगवान का जिनाभिषेक, शांतिधारा कर दस लक्षण पर्व के अन्तर्गत उत्तम क्षमा धर्म की पूजा-अर्चना की गई। महिलाओं की छह ढाला की कक्षा हुई तथा शाम को शास्त्र सभा, प्रश्नमंच व सांस्कृतिक कार्यक्रम किया। श्वेताम्बर समाज की ओर से दादाबाड़ी में साध्वी चन्द्रकलाश्रीजी के सान्निध्य में सामूहिक क्षमावाणी पर्व मनाया गया।

लाम्बाहरिसिंह. दिगम्बर जैन मंदिर में शुक्रवार को दस लक्षण पर्व शुरू हुआ। समाज सदस्य नरेन्द्र पाटनी ने बताया कि सुबह श्रावक-श्राविकाएं मंदिर पहुंच भगवान का सामूहिक अभिषेक कर उत्तम क्षमा धर्म की पूजा अर्चना की गई। शाम को सामूहिक महाआरती का आयोजन हुआ।

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