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वर्षों से था इंतजार, डेरा दरबार साहिब की यात्रा के खुले द्वार

locationटोंकPublished: Dec 13, 2019 08:37:02 pm

Submitted by:

Vijay

पाकिस्तान के करतारपुर गलियारे स्थित डेरा दरबार साहिब की यात्रा के वर्षों बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खुले द्वार से शहर के सिख समाज के लोगों में खुशी का माहौल है।

वर्षों से था इंतजार, डेरा दरबार साहिब की यात्रा के खुले द्वार

वर्षों से था इंतजार, डेरा दरबार साहिब की यात्रा के खुले द्वार

देवली. पाकिस्तान के करतारपुर गलियारे स्थित डेरा दरबार साहिब की यात्रा के वर्षों बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खुले द्वार से शहर के सिख समाज के लोगों में खुशी का माहौल है। सिख समाज के लोगों का कहना है कि अब दरबार साहिब जाने की तमन्ना पूरी हो सकेगी। इसे लेकर उन्होंने पाकिस्तान सरकार के उक्त कदम की सराहना की। साथ ही आमजन की सुविधा के मद्देनजर उक्त यात्रा का रजिस्टे्रशन शुल्क हटाने की मांग की। प्रस्तुत है स्थानीय सिख समाज के लोगों की परिचर्चा।
वर्षों से था इंतजार
डेरा दरबार साहिब के मत्था टेकने की सकल सिख समाज की वर्षों से इच्छा थी, लेकिन उक्त आस्था की मंशा में दो देशों की सीमा आड़े आ रही थी। पाकिस्तान सरकार के उक्त कदम का सिखों को वर्षो से इंतजार था, जो अब जाकर पूरा हुआ, लेकिन उक्त यात्रा पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं होना चाहिए।
अमरचंद बिलोची, पंजाबी समाज सदस्य।
सराहनीय कदम है
गत कई दशकों से करतारपुरा गलियारे के खुलने का शहर ही नहीं, बल्कि देश के सिख समाज के लोगों को इंतजार था। इस वर्ष सिख समाज गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती मना रहा है, जो कि सिख समाज के लिए गौरवमय आयोजन होगा। पाकिस्तान सरकार ने प्रतिदिन 5 से 10 हजार श्रद्धालुओं को प्रतिदिन आने की अनुमति देकर सराहनीय कदम उठाया है। शहर का सिख समाज के कुछ लोग भी वहां जाने की योजना बना रहा है।
सरदार परमजीत सिंह, अध्यक्ष गुरुद्वारा कमेटी, देवली।

रजिस्टे्रशन शुल्क माफ होना चाहिए
जानकारी में आया कि 15 नव?बर तक रजिस्टे्रशन करवाने वाले श्रद्धालुओं को शुल्क में छूट है। इसके बाद में रजिस्टे्रशन शुल्क लिया जाएगा। ऐसे में पाकिस्तान सरकार को श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उक्त शुल्क को माफ करना चाहिए। जबकि अन्य देश के श्रद्धालुओं के लिए द्वार खोले गए तो शुल्क लगाना धर्म के साथ बेमानी होगी।
मनजीत सिंह, संरक्षक, गुरुद्वारा कमेटी देवली।
खुशी का माहौल
पाकिस्तान सरकार की ओर से करतारपुरा गलियारे को आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने से खुशी का माहौल है। इससे सिख समाज के लोगों को भी पाकिस्तान में अपने धर्म व आस्था केन्द्र पर जाने की आजादी मिली है। तमाम भारत के सिख समाज के लोग इसका कई दशकों से इंतजार कर थे, अब जाकर मंशा पूरी हुई है।
सुभाष मनचंदा
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