किसान अध्यादेश पर कोई चर्चा नहीं की गई। ना कोई किसानों से आम राय ली गई। एक राष्ट्र एक बाजार के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को वापस लेने एवं किसानों की उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून के प्रावधानों में आने तक किसान महापंचायत का आंदोलन जारी रहेगा। इसके तहत जिलेभर की मंडियां बंद रही। व्यापारियों ने भी कोई कार्य नहीं किया।
टोंक मंडी में महापंचायत के प्रदेश मंत्री रतन खोखर, व्यापार मंडल अध्यक्ष भागचंद जैन, सीताराम मीणा, हरिराम, गोपीलाल, प्रधान गुर्जर, किशन बैरवा, गणेश, भरतराज, हेमराज आदि शामिल थे। कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापनकिसानों सम्बन्धि पारित अध्यादेश को लेकर जिला कांग्रेस की ओर से भी राज्यपाल के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
इसमें बताया कि इस अध्यादेश के तहत किसानों को नुकसान होगा। उन्हें फसल का उचित मूल्य नहीं मिलेगा। इससे किसानों को नुकसान होगा। साथ ही मंडी व्यवस्था खत्म हो जाने से व्यापारियों की मनमानी बढ़ेगी। ज्ञापन देने वालों में निर्वतमान जिलाध्यक्ष लक्ष्मण चौधरी, अधिवक्ता महावीर तोगड़ा, कैलाशी देवी, यूसुफ यूनिवर्सल, मोहनलाल आदि शामिल थे।
कृषि विधेयक वापस लेने की मांग
निवाई. केंद्र सरकार द्वारा किसानों और कृषि व्यापार से संबंधित कानून पास करने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधायक प्रशांत बैरवा के नेतृत्व में सोमवार सुबह उपखंड अधिकारी कार्यालय पर केंद्र सरकार के विरुद्ध नारेबाजी कर राज्यपाल कलराज मिश्र के नाम उपखंड अधिकारी रूबी अंसार को ज्ञापन सौंपा।
निवाई. केंद्र सरकार द्वारा किसानों और कृषि व्यापार से संबंधित कानून पास करने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधायक प्रशांत बैरवा के नेतृत्व में सोमवार सुबह उपखंड अधिकारी कार्यालय पर केंद्र सरकार के विरुद्ध नारेबाजी कर राज्यपाल कलराज मिश्र के नाम उपखंड अधिकारी रूबी अंसार को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन से अवगत कराया कि केंद्र सरकार के पारित बिलों से देश के किसानों, व्यापारियों, मंडी मजदूरों सहित कई लोग को , नुकसान उठाना पड़ेगा, जबकि आम लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। ज्ञापन देने वालों में ब्लॉक अध्यक्ष राजेश चौधरी, शहर अध्यक्ष महावीर प्रसाद पराणा, प्रभु चौधरी, अरुण लटूरिया सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।