देखते ही देखते आग की लपटो में पूरा गांव घिर गया। करीब पांच किलोमीटर परिधि क्षेत्र स्थित दर्जनों बाड़ों में रखा सैकड़ों ट्रॉली चारा, ईंधन लकड़ी, कृषि यंत्र धूं-धूं कर जलने लगा। स्थिति यह है बेकाबू आग में एक दर्जन मवेशी व अन्य जीव जिंदा जल गए। इधर, आग की भीषणता के आगे तीन जिलों की एक दर्जन से अधिक दमकलें, डीजल पम्प सेट, टैंकर, बिछाई गई पाइप लाइने व चाक चौबंद प्रशासन के साथ खड़े दर्जनों गांवों के ग्रामीण भी बौने साबित हो रहे थे।
हालांकि, चौबीस घण्टे बाद आग नियंत्रित हो पाई। ग्रामीणों ने पूरी रात दहशत में गुजारी। खुली आंखों में नींद की झपकी लेते ग्रामीण रात भर आग बुझाने में जुटे रहे। गुरुवार सुबह आग नियंत्रित होने पर प्रशासन ने केकड़ी व टोंक जिले की तीन दमकलों को छोड़ शेष अन्य दमकलों को वापस मुख्यालय भेज दिया। उपखण्ड अधिकारी रूबी अंसार ने बताया कि वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है। जेसीबी से अधजले ढेरों को उकरेला जा रहा है।
जहां टोडारायसिंह व मालपुरा की दमकल से कार्मिक तथा करीब एक दर्जन टैंकर व पाइप लाइनों से ग्रामीण आग बुझाने में जुटे है। इधर, गुरुवार को तहसीलदार मनमोहन गुप्ता की अगुवाई में एक दर्जन राजस्व कार्मिकों की गठित टीम ने कुहाड़ाबुजुर्ग में आग की घटना में हुए नुकसान का सर्वे कार्य शुरू किया है। प्रथम दृष्टया आग में आधा दर्जन मवेशियों के जिंदा जलने की पुष्टि की गई है।
वहीं दर्जनों बाड़ों में सैकड़ों ट्रॉली चारा, ईंधन लकड़ी के अलावा कृषि यंत्र भी जले हैं। तहसीलदार ने बताया कि आग में नुकसान का मुआवजा दिलवाने के साथ मवेशियों के लिए अतिरिक्त चारे की भी राज्य सरकार से मांग की जाएगी। गांव में विधायक की पत्नी राधा देवी, भाजपा नेता रामचन्द्र गुर्जर व कांग्रेस निर्वतमान जिलाध्यक्ष लक्ष्मण गाता ने ग्रामीणों की कुशलक्षेम जानी और सहयोग का भरोसा दिलाया।