वह गाय को मंदिर परिसर में लेकर घूमता रहा। ऐसे में रविवार सुबह मंदिर गए लोगों को मंदिर परिसर में खून ही खून मिला है। गनीमत रही कि पैंथर ने मंदिर में चारपाई पर सो रहे दो जनों पर हमला नहीं किया। ऐसे में उनकी जान बच गई।
वहीं परिसर में सो रहे लोगों को भी इसका अंदाजा नहीं हुआ कि उनकी चारपाई के चारों ओर मादा पैंथर रात डेढ़ घंटे घूमती रही। इससे मंदिर के आस-पास के लोगों में दहशत है। मंदिर जाने से भी लोग डरने लगे हैं। इसके बावजूद वन विभाग पैंथर को पकडऩे में अनदेखी बरत रहा है।
इस मादा पैंथर के साथ एक छोटी मादा पैंथर भी है। नगर परिषद के पूर्व उपसभापति हरिभजन गुर्जर ने बताया कि ये पैंथर एक पखवाड़े से पहाड़ी क्षेत्र में विचरण कर रहा है। इसने अब तक आधा दर्जन मवेशियों का शिकार किया है।
हर बार वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है और पगमार्क लेती है, लेकिन इसे पकडऩे की अब तक कवायद शुरू नहीं की गई है। ऐसे में लोग दहशत में है। जबकि यहां आंतरिया बालाजी तथा दूधिया बालाजी मंदिर है। इसमें शहर के सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन आते रहते हैं।
निवाई के जंगलों से आई है
वन विभाग ने आशंका जताई कि मादा पैंथर अपने बच्चे के साथ घूमते हुए निवाई क्षेत्र के जंगलों से नदी किनारे होते हुए यहां आ गई है। निवाई के बड़ा गांव, सिरस व देवजी की डूंगरी का जंगल सवाईमाधोपुर के रणथम्भौर से सटा हुआ है। ऐसे में इस जंगल में भारी तादाद में पैंथर समेत अन्य वन्यजीव है।
जल्द पकड़ो पैंथर को:
पैंथर को पकड़वाने की मांग को लेकर आंतरिया बालाजी मंदिर सेवा समिति के पदाधिकारियों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। इसमें दिनेश चौहान, हरिराम, ध्रुव शर्मा आदि ने बताया कि मादा पैंथर कई दिनों से मंदिर के आस-पास घूम रही है। कई मवेशियों का शिकार भी कर चुकी है। इसके बावजूद वन विभाग उसे पकड़ नहीं रही है। उन्होंने पैंथर को पकड़वाने की मांग की।