इस कारण अधिकांश भर्ती शिशुओं की जांच के लिए अगले दिन या फिर निजी लैब पर रुपए देकर करवानी पड़ रही है। इसका कारण बताया जा रहा है कि जांच के लिए ऑनलाइन 11 बजे तक ही रजिस्ट्रेशन किया जाता है। रजिस्ट्रेशन होने के बाद जांच के लिए सैम्पल लिए जाते है।
प्रतिदिन भर्ती 100 की विजिट
तेज गर्मी व मौसमी बीमारियों के कारण शिशु वार्ड में इन दिनों भर्ती मरीजों को आंकड़ा 100 से अधिक चल रहा है। इनमें भर्ती व डिस्चार्ज किए जाने वाले रोगी शामिल है। भर्ती बच्चों को एक ही चिकित्सक द्वारा देखने पर 12 बज जाते है, कभी इससे भी अधिक समय लग जाता है।
तेज गर्मी व मौसमी बीमारियों के कारण शिशु वार्ड में इन दिनों भर्ती मरीजों को आंकड़ा 100 से अधिक चल रहा है। इनमें भर्ती व डिस्चार्ज किए जाने वाले रोगी शामिल है। भर्ती बच्चों को एक ही चिकित्सक द्वारा देखने पर 12 बज जाते है, कभी इससे भी अधिक समय लग जाता है।
इस दौरान चिकित्सक द्वारा लिखी गई जांच 11 बजे से पहले की है तो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होने पर जांच हो पाएगी, नहीं तो अगले दिन या फिर बाहर निजी लैब पर रुपयों से करवानी पड़ेगी।
दो चिकित्सक करे विजिट तो मिले राहत
जानकारों का मानना है कि शिशु वार्ड में भर्ती मरीजों के दबाव को देखते हुए विजिट के दौरान दो चिकित्सकों को लगा दिया जाए तो कई प्रकार की परेशानियां हल हो सकती है। अगर दो चिकित्सक विजिट करेंगे तो वार्ड का दौरा भी 11 बजे तक पूरा हो सकेगा।
जानकारों का मानना है कि शिशु वार्ड में भर्ती मरीजों के दबाव को देखते हुए विजिट के दौरान दो चिकित्सकों को लगा दिया जाए तो कई प्रकार की परेशानियां हल हो सकती है। अगर दो चिकित्सक विजिट करेंगे तो वार्ड का दौरा भी 11 बजे तक पूरा हो सकेगा।
इससे जांच के लिए रजिस्ट्रेशन भी समय पर हो सकेगा और मरीज की जांच रिपोर्ट भी उसी दिन मिल सकेगी।एमसीएच में 6 शिशु रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति है। इनमें से दो चिकित्सक को शिशु वार्ड में राउण्ड पर लगाकर मरीजों सहित परिजनों को राहत दी जा सकती है।