बेटियों का अपने पेरेंट्स के ऑफिस जाना सोमवार को भविष्य का जरूरी अनुभव लेने जैसे रहा। बेटियों ने पापा और मम्मी के ऑफिस जाकर उनके कामकाज को समझा। बेटियों ने महसूस किया कि ऑफिस का कार्य कैसे होता है। माता-पिता ऑफिस में दिनभर कैसे कार्य करते हैं। कार्यस्थल पर होने वाली चुनौतियों को भी समझा। साथ ही कार्यस्थ्ल पर जिम्मेदारी का निर्वहन कैसे किया जाता है, इसके गुर सीखे।
बेटियों का अपने पेरेंट्स के ऑफिस जाना सोमवार को भविष्य का जरूरी अनुभव लेने जैसे रहा। बेटियों ने पापा और मम्मी के ऑफिस जाकर उनके कामकाज को समझा। बेटियों ने महसूस किया कि ऑफिस का कार्य कैसे होता है। माता-पिता ऑफिस में दिनभर कैसे कार्य करते हैं। कार्यस्थल पर होने वाली चुनौतियों को भी समझा। साथ ही कार्यस्थ्ल पर जिम्मेदारी का निर्वहन कैसे किया जाता है, इसके गुर सीखे।