इस प्रकार 24 को नेमिनाथ मंदिर में कलशाभिषेक एवं 25 सितम्बर को क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा। दसलक्षण पर्व के तहत प्रतिदिन जिनेंद्र देव के अभिषेक एवं शांतिधारा तथा दस धर्म जिनमें उत्तम क्षमाएं उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम अकिंचन, उत्तम बह्मचर्य आदि दस धर्मों की पूजा की जाएगी।
प्रतिदिन शाम को मधु लुहाडिय़ा, अनिता चौधरी, अक्षत जैन आदि के सान्निध्य में धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इधर, रविवार को भाद्रपद अमावस्या के अवसर पर तेरापंथी मंदिर पुरानी टोंक में भगवान शांतिनाथ की वृहद शांतिधारा की गई। साथ ही श्रीजी को अष्ट द्रव्य सहित श्रीफल चढ़ाए गए। इस अवसर पर मंदिर में लाल चंद, शेखर, चेतन, कमल, पारस, मनीष, किरण, स्नेहलता, सुमन, प्रेमलता, चंद्रकांता आदि मौजूद थे।
धर्म की महिमा अपार
आवां. मुनि सुधासागर ने आवां सुदर्शनोदय तीर्थ में धर्मसभा में धर्म की महिमा को अपार बताते हुए कहा कि धर्म इन्सान की कवच के समान रक्षा करता है। जीवन में दु:ख ,क्लेश और कष्टों का आगमन पाप कर्म के फल से ही होता है।
मुनि ने सावधान किया कि अच्छे लोगों और अपने से गुणवानों के प्रति दुराभाव रखना सीधे सकंटों का आमंत्रण देना हंै। मुनि ने आत्मा के अजर, अजर और अविनाशी होने की तार्किक व्याख्या की। मुनि ने अपने भावों को शुद्ध करने का पे्ररणा देते हुए कहा कि महान न बन सको कोई बात नहीं पर जो महान है, उनसे ईष्र्या और घृणा तो मत करो।
मुनि पुंगव सुधासागर, मुनि महासागर, मुनि निष्कंप सागर, क्षुल्लक धैर्य सागर व क्षुल्लक गम्भीर सागर का चातुर्मास जारी है। अशोक धानोत्या, श्रवण कोठारी और मुकेश जैन ने बताया कि संस्कार शिविर की तैयारियां जोरों से चल रही है।