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1662 हैक्टेयर बनास नदी क्षेत्र में मिली अनुमति

locationटोंकPublished: Jan 15, 2022 09:25:24 pm

Submitted by:

jalaluddin khan

पातलियां घांट से बजरी का खनन शुरू, ट्रकों की लगी कतारराजमहल. करीब चार साल बाद शुक्रवार रात 12 बजे बाद लीज धारकों ने देवली क्षेत्र की बनास नदी में खनिज विभाग के नियम व शर्तो की पूर्ति कर पूजा अर्चना के साथ बजरी का खनन शुरू कर दिया है।

1662 हैक्टेयर बनास नदी क्षेत्र में मिली अनुमति

1662 हैक्टेयर बनास नदी क्षेत्र में मिली अनुमति

1662 हैक्टेयर बनास नदी क्षेत्र में मिली अनुमति
पातलियां घांट से बजरी का खनन शुरू, ट्रकों की लगी कतार
राजमहल. करीब चार साल बाद शुक्रवार रात 12 बजे बाद लीज धारकों ने देवली क्षेत्र की बनास नदी में खनिज विभाग के नियम व शर्तो की पूर्ति कर पूजा अर्चना के साथ बजरी का खनन शुरू कर दिया है।
लीज धारक ने देवली उपखंड क्षेत्र से गुजर रही बनास नदी के राजमहल, भगवानपुरा, सतवाडा, संथली, बंथली आदि गांवों के निकट नदी तन क्षेत्र की कुल 1662 हैक्टेयर भूमि में बजरी खनन को लेकर खनिज विभाग की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद शनिवार से नदी में पौकलेंड मशीनों से ट्रकों में बजरी भरने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
इसको लेकर शनिवार को दिनभर ट्रकों की कतारें लगना शुरू हो गई है। शनिवार को बनास नदी के सतवाडा बजरी पेडे से जुड़े पातलिया घाट पर दिनभर बजरी भरने के लिए ट्रकों की कतार लगी रही। करीब 13 माह 4 दिन के लिए बजरी का खनन शुरू होते ही अवैध बजरी खनन से जुड़े लोगों में हडकम्प मच गया।
उल्लेखनीय है कि 16 नवम्बर 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर बनास नदी में बजरी के खनन पर पूर्णतया रोक लगा दी थी। इसके बाद बनास में लीज धारकों की ओर से खनन कार्य बंद कर दिया गया था। खनिज विभाग व प्रशासन की उदासीनता के चलते बनास में अवैध बजरी का अवैध खनन लगातार जारी था।

ट्रैक्टरों से परिवहन पर रोक
बनास नदी में बजरी का खनन शुरू होने के साथ ही इस बार कृषि कार्य के लिए रजिस्टर्ड ट्रैक्टर ट्रॉली से बजरी परिवहन पर रोक होने के कारण निकटवर्ती गांव कस्बों के लोग व ट्रैक्टर चालक ङ्क्षचतित नजर आने लगे हैं।

खनिज विभाग की ओर से 500 रुपए प्रति टन बजरी की कीमत होने व 150 रुपए भराई होने के साथ ही दूर दराज के शहरों में तो आसानी से सस्ती दर पर बजरी मिलेगी, लेकिन नजदिकी गांव के लोगों को भी अब ट्रकों से बजरी का परिवहन करवाना पड़ेगा। ऐसे में कम आवश्यकता पर भी बजरी का ट्रक मंगवाने को लेकर ग्रामीण ङ्क्षचतित है।

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