read more : राज्य बीज विधायन केन्द्र दूनी पर प्रदर्शन कर किया प्रदर्शन, किसानों को बीज नही देने का लगाया आरोप जैन समाज के प्रवक्ता विमल जौला व राकेश संघी ने बताया कि दीक्षा से पूर्व विरेन्द्र ने सकल दिगम्बर जैन समाज से मुनि दीक्षा लेने की स्वीकृति ली। इसके बाद आचार्य विभव सागर ने दीक्षार्थी विरेन्द्र को दीक्षा विधि Initiation method to deeksha virendra के साथ संस्कार दिए, जिसमें सर्वप्रथम आचार्य द्वारा दीक्षार्थी Conceptual by Acharya के सिर पर जल से वृहद शांति मंत्रों Mantra peace with water के द्वारा शांतिधारा की गई।
read more : टैंकर की टक्कर से टैम्पू सवार दर्जनभर छात्र हुए घायल, दो गंभीर घायलों को को किया रैफर इसके बाद दीक्षार्थी का केश लौंच हुआ, जिसे देखकर सभी श्रद्धालु भाव विभोर All reverent हो उठे। इस दौरान सिर का प्रक्षालन कर मस्तक पर केसर से श्रीकार लिखकर स्वस्तिक बनाया। इसके बाद आचार्य श्री ने 24 तीर्थकरों का स्मरण कर सोलह प्रकार के संस्कार दिए, जिसमें 108 लोंग से मंत्रोच्चार के साथ संस्कार दिए गए।
कार्यक्रम के तहत आचार्य ने अष्ट मंगल द्रव्य से दीक्षार्थी की अंजली भर 28 मुलगुणों के संस्कार दिए गए। बाद में जैनेश्वरी मुनि दीक्षा ली। इसके बाद मुनि शुद्ध सागर को हुकमचन्द पारसमल द्वारा नवीन पिच्छिका दी गई। नवीन कमण्डल सुशील कुमार नीरा जैन, राहुल कुमार जैन ने एवं मुनि को शिमला जैन, शशि सोगानी आशा गिन्दोडी ने भेंट किया। जिनवाणी भेंट सत्यनारायण मोठूका ने किया। जाप माला रतनलाल महेन्द्र कुमार सारसोप ने भेंट की।
read more : बजरी से भरा ट्रक अनियंत्रित होकर पलटा, हादसा टला केश लौंच धारण योगेन्द्र सिंघल झिलाय द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन आर्यिका अर्हमश्री ने किया। दीक्षा से पूर्व आचार्य विभव सागर का पिच्छिका परिवर्तन समारोह आयोजित हुआ। इस दौरान आचार्य ससंघ का पादप्रक्षालन शास्त्र भेंट व नवीन पिच्छिका दी गई।
कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा अनेक शास्त्र पुस्तकों का विमोचन कर आचार्य संघ को भेंट किया गया। इस दौरान आचार्य एवं अर्हमश्री माताजी ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर सुशील गिन्दोडी जयकुमार आण्डरा, महेन्द्र भाणजा, सुनील भाणजा, राहुल बोहरा, मंदिर अध्यक्ष महावीर प्रसाद जैन, मंत्री अशोक सिरस, महावीर प्रसाद पराणा,
विष्णु बोहरा, महेन्द्र चंवरिया, नेमीचंद जैन, महेन्द्र जैन, आशीष चंवरिया, धर्मचन्द नेहरु, मोहनलाल कठमाणा अतुल ठोल्या, अजीत काला, त्रिलोक रजवास सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे। महोत्सव में देश भर से आए श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
read more : बजरी से भरे डंपर से टकरा खाई में गिरा ट्रक , चालक हुआ गंभीर घायलये है जीवन परिचयब्र. वीरेन्द्र का जन्म मध्यप्रदेश के सागर जिले के बन्डा गांव में 20 जून 1985 को हुआ है। इनके पिता का नाम उत्तम चंद व माता का नाम शशि जैन है। इन्होंने बीकाम तक शिक्षा ली है। ब्रह्मचर्य व्रत की दीक्षा 2012 में आगरा में ली। इनकी शुरू से मनन, चिंतन व स्वाध्याय में रुचि रही है।
निवाई में जैनेश्वरी दीक्षा लेते विरेंद्र।