राजधानी के पास वाली यह लोकसभा सीट गुर्जर-मीणा बाहुल्य है। टोंक, सवाईमाधोपुर, मालपुरा जैसे शहरी और कस्बाई इलाकों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है। हाल के चुनाव में इन सभी ने भाजपा का साथ छोड़ दिया। इसके चलते कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट यहां 54 हजार से अधिक रेकॉर्ड वोट से जीते थे। कांग्रेस की मजबूत स्थिति भाजपा के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। पड़ोस के जिले दौसा और जयपुर में भी भाजपा की हालत 2014 के मुकाबले अपेक्षाकृत ठीक नहीं है। वहीं टोंक के केन्द्र से अजमेर, भीलवाड़ा और कोटा क्षेत्र पर सीधा असर पड़ता है तो जयपुर ग्रामीण, धौलपुरकरौली, झालावाड़-बारां पर भी यहां से राजनीतिक लहरें उठती हैं। इन सभी फेक्टर को ध्यान में रखते हुए मोदी की सभा के लिए टोंक को चुना गया।
अब सिर्फ मालपुरा सीट
वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव में जहां टोंक-सवाई माधोपुर में भाजपा के पास आठों सीटें थी, वहीं अब केवल एक मात्र मालपुरा सीट बची है। जबकि कांग्रेस का छह सीटों पर कब्जा है। एक सीट कांग्रेस के बागी निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा के पास है।
वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव में जहां टोंक-सवाई माधोपुर में भाजपा के पास आठों सीटें थी, वहीं अब केवल एक मात्र मालपुरा सीट बची है। जबकि कांग्रेस का छह सीटों पर कब्जा है। एक सीट कांग्रेस के बागी निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा के पास है।
मोदी का दूसरा दौरा
टोंक मुख्यालय पर लोकसभा चुनावों को लेकर दूसरी बार आएंगे। हालांकि मोदी इससे पहले गुजरात के सीएम रहने के दौरान 2008 में चुनाव में प्रसार-प्रसार के दौरान आ चुके हैं।
टोंक मुख्यालय पर लोकसभा चुनावों को लेकर दूसरी बार आएंगे। हालांकि मोदी इससे पहले गुजरात के सीएम रहने के दौरान 2008 में चुनाव में प्रसार-प्रसार के दौरान आ चुके हैं।