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बजरी में पुलिस-प्रशासन पहले भी बिके थे: खनन माफिया की डायरी में था हिसाब-किताब

locationटोंकPublished: May 20, 2019 02:24:21 pm

Submitted by:

MOHAN LAL KUMAWAT

पुलिस की ओर से बजरी खनन व परिवहन में वसूली करने तथा हिस्से के बंटवारे का खुलासा पहले भी हो चुका है,

Recovery in transport

एक ट्रक पर अलग-अलग इलाकों में राशि दी जाती है।

टोंक. पुलिस की ओर से बजरी खनन व परिवहन में वसूली करने तथा हिस्से के बंटवारे का खुलासा पहले भी हो चुका है, लेकिन पुलिस डायरी हाथ में आने के बाद भी करीब छह माह गुजरने के बाद भी अब तक डायरी को राज बना रखा है।
जबकि लोगों को आस लगी थी कि पुलिस के हाथ डायरी लगने पर बजरी के खेल में शामिल पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों के नाम उजागर होंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।


जानकारी अनुसार 18 दिसम्बर 2018 की देर रात खनन माफिया की कार से बरामद डायरी से हुआ था। तब खनिज विभाग के सहायक अभियंता अमीचंद दुहारिया कर्मचारियों के साथ की कार में बजरी से भरे वाहनों को पकडऩे गए थे।
उनके साथ दूसरे वाहन में आरएसी के जवान भी थे। बजरी से भरे वाहनों का पीछा कर रही खनिज विभाग की टीम पर खननकर्ताओं ने नाथड़ी में हमला कर दिया था।

उनकी सुरक्षा के लिए आरएसी जवानों पर भी खननकर्ताओं ने हमला कर दिया। इससे खनिज विभाग की कार क्षतिग्रस्त हो गई थी तथा कर्मचारियों समेत 5 आरएसी के जवान घायल हो गए थे।
खननकर्ता मौके पर पुलिस को आते देख फरार हो गए थे, लेकिन वे अपनी कार वहीं छोड़ गए थे। खनिज विभाग तथा पुलिस ने उनकी कार की तलाशी ली तो उसमें एक डायरी मिली।
इस डायरी में बजरी निकालने से लेकर वाहनों में भरने तथा बनास नदी से लेकर जयपुर समेत अन्य स्थानों पर डाली जाने वाली बजरी में पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के प्रतिनिधियों को दी जाने वाली राशि लिखी थी।
डायरी के मुताबिक प्रति ट्रक के हिसाब से यह राशि दी जाती थी। इस की दर पुलिस की दो हजार तथा अन्य की एक हजार रुपए लिखी गई है। ऐसे में एक ट्रक पर अलग-अलग इलाकों में ये राशि दी जाती है।
तब रात को ही ये डायरी खनिज विभाग के सहायक अभियंता अमीचंद दुहारिया ने टोंक के तात्कालीन पुलिस उपाधीक्षक हरिप्रसाद सोमानी को दी थी। तब से इसकी जांच ठंडे बस्ते में है।


अभी फरार है थाना प्रभारी
पीपलू थाने के कांस्टेबल तथा दो दलालों को गत गत 16 मई की रात को पकड़ लिया और न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया, लेकिन अभी तक मामले में आरोपी पीपलू थाना प्रभारी विजेन्द्र गिल फरार है।
एसीबी की टीम ने उनके अजमेर व झुंझुनूं समेत अन्य सम्भावित ठिकानों पर छापे मारे, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। हालांकि एसीबी की टीम उसे तलाशने में जुटी है।


पहले तीन को पकड़ा था
एसीबी की टीम ने इससे पहले तीन बार बजरी खनन से जुड़े कर्मचारियों को पकड़ा है। इसमें मालपुरा थाने के कांस्टेबल तथा निवाई में शिवदासपुरा चौकी के कांस्टेबल को बजरी से भरे ट्रकों से रुपए वसूलते पकड़ा था।
इसके अलावा निवाई उपखण्ड अधिकारी के चालक को बजरी परिवहन की एवज में राशि लेते एसीबी ने पकड़ा था। अब फिर पीपलू थाना प्रभारी व कांस्टेबल बजरी खनन में राशि लेते पकड़े गए हैं।

एसपी का भी नहीं खौफ
3 अप्रेल 2019 की रात में जिला पुलिस कप्तान चुनाराम जाट बनास नदी क्षेत्र में पहुंचे थे, जहां सैकड़ों की तादाद में कई बजरी भरे हुए ट्रैक्टर ट्राली ट्रेलर डंफर देखे, वहीं कई रैकी करने वाले वाहन कार मोटर साइकिलों सहित बजरी भरे वाहनों का कार्यवाही करते हुए कई का चालान किया था। इसके बाद भी इस कारोबार पर पूर्णतया अंकुश नहीं लग सका।
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