ग्रामीण जीतराम बैरवा, रामजीलाल वर्मा, भंवर लाल रेगर, अभय ङ्क्षसह ने बताया कि गांव में पिछले चार दिन से बिजली आपूर्ति ठप्प पड़ी हुई है। गांव में बिजली आपूर्ति नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बिजली का ट्रांसफार्मर खराब होने के बारे में विद्युत निगम अभियंताओं को अवगत करवा दिया है, लेकिन निगम की उदासीनता के कारण गांव में अभी तक ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया है।
इससे ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। रात को पशु चोरी व नकबजनी जैसी घटनाएं होने का डर बना रहता है। जबकि चार दिन से बिजली गुल होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाए कि बिजली गुल होते ही जिम्मेदारों के फोन बंद हो जाते है।
परेशान लोग बिजली की आपूर्ति कब बहाल होगी और कहां से बंद है इसकी जानकारी के लिए अधिकारियों के फोन लगाते है पर वहां से कोई जवाब नहीं मिलता है। कनिष्ठ अभियंता संजय मीणा भी अपना फोन रिसीव नहीं करते है। ग्रामीणों ने विद्युत विभाग से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल करने की मांग की है।
दुर्घटना का सबब बने झूलते तार टोडारायङ्क्षसह. जेवीएनएल निगम की अनदेखी के बीच खरेड़ा मार्ग में कब्रिस्तान के निकट झूलते तार दुर्घटना का सबब बने हुए है। देशवाली मौहल्ला निवासी कमरूद्दीन ने बताया कि 33 केवी सबग्रिड स्टेशन से ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति को लेकर 33 व 11 केवी विद्युत लाइन गुजर रही है।
खरेड़ा मार्ग स्थित कब्रिस्तान व पुलिस चौकी के के निकट से गुजर रही उक्त लाइनों के तार जमीन से 5 से सात फीट ऊंचाई पर है। पथरीली जमीन होने से यहां से गुजरने वाले आदमी व मेवेशियों को दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
उक्त लाइन को खम्भे लगाकर ऊंचाई में स्थापित करने की मांग को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से क्षेत्रवासियों में नाराजगी है। उन्होंने उक्त लाइन को खम्भे लगाकर ऊंचाई पर स्थापित करने की मांग की है।