मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 अशोक कुमार यादव ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत आरबीएसके टीम सरकारी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्र पर जाकर बच्चों की स्क्रिनिंग की जाती है। विशेषज्ञ चिकित्सक से रैफर करवा कर मेडिकल कालेज / निजी अस्पताल में ह्नदय रोग, गला रोग, और कटा तालू, कुल्हा का ऑपरेशन, मिर्गीरोग, अतिकुपोषण इत्यादि जैसे गंभीर रोग से ग्रसित बच्चों का नि:शुल्क उपचार करवाएं जाते है।
डॉ यादव ने बताया कि आरबीएसके टीम नें टोडारायसिंह शहर की आंगनबाड़ी बन का खेड़ा में जांच के दौरान पाया की प्रीति को गंभीर जन्मजात ह्नदय रोग है, जिसकी वजह से इसका विकास रुका हुआ है और समयावधि में सर्जरी नहीं कराई गयी तो इसके जीवन को भी खतरा हो सकता है।
प्रीती के पिता को अपनी लाडली के खेलने कूदने की उम्र मे इस गंभीर बीमारी के बारे में सुना तो बच्ची के ईलाज के दौरान होने वाले लाखों रूपये के खर्चे की चिंता सताने लगी। बच्ची के पिता आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं थे कि शहर जाकर बडे हॉस्पिटल का खर्च वहन कर सके।
आरबीएसके टीम द्वारा आरबीएसके कार्यक्रम के जरिये प्रीति को जिला स्तर से मिले निर्देश द्वारा जयपुर के निजी अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती कराया गया जहां उसका दिनांक 29 अप्रेल 2022 को ऑपेरशन सफलतापूर्वक किया गया।
प्रीति अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। और प्रीति के पिता ने आरबीएसके कार्यक्रम का आभार व्यक्त किया, उन्होने कहा कि आरबीएसके के द्वारा मेरी बच्ची को एक नया जीवन मिला अब मेरी बिटिया सामान्य बच्चों की तरह जीवन व्यतीत कर सकेगी।
आरबीएसके मोबाइल टीम ने किया चयनित एडीएनओ डॉ0 गंगासहाय जाट ने बताया कि आरबीएसके मोबाइल टीम के डॉ0 रमेश कुमार मीणा व डॉ0 मनीष वर्मा के द्वारा आगंनवाडी केन्द्र पर स्वास्थ्य परिक्षण कर प्रीती को चयनित कर, शिशु विशेषज्ञ द्वारा जांच करवाने के उपरान्त उच्च चिकित्सा संस्थान जयपुर के लिये रैफर कर उसका नि:शुल्क ऑपरेशन कराया गया।