इसमें जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में तत्काल सुधार लाने, उनकी नियमित मॉनिटरिंग करने, अनुपयोगी वेंटिलेटर को तत्काल प्रभाव से काम में लेने एवं चिकित्सालय में ऑक्सीजन की नियमित आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में कराए जाने के को कहा है। इसमें बताया कि सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों को पर्याप्त मात्रा में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
इस कारण इस समस्या पर तत्काल संज्ञान लिया जाकर उचित दिशा निर्देश संबंधितों को दिया जाना आवश्यक है। जिला मुख्यालय पर राजकीय सआदत चिकित्सालय सबसे बड़ा अस्पताल है, जिसमें प्रतिदिन पूरे जिले से कोरोना जैसी गंभीर बीमारी से संक्रमित व्यक्ति इलाज के लिए आ रहे हैं, लेकिन यहां ऑक्सीजन की पर्याप्त व नियमित आपूर्ति नहीं होने के कारण मरीजों को भर्ती किए बिना लौटाया जा रहा है।
साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी पूरी व पर्याप्त मात्रा में नियमित ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। जिले में राज्य सरकार ने इस समय ऑक्सीजन आवंटन का जो कोटा निर्धारित कर रखा है उसके अनुसार प्रतिदिन डेढ़ सौ सिलेंडर जिनमें से 100 सिलेंडर अलवर से तथा 50 ऑक्सीजन सिलेंडर किशनगढ़ अजमेर से उपलब्ध कराने का आदेश दिया हुआ है, लेकिन अस्पताल को प्रतिदिन मात्र 80 से 90 सिलेंडर ही प्राप्त हो पा रहे हैं, जिसकी वजह से भर्ती गंभीर मरीजों के इलाज में परेशानी हो रही है।
नए मरीजों को भर्ती करने से इनकार किया जा रहा है। वहीं नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया अब चालू की जा रही है। इसे पूर्ण होकर उत्पादन शुरू होने में लगभग एक माह से अधिक की अवधि लगने की संभावना है। इस अवधि में मरीजों को भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। उपखंड मुख्यालय पर जो चिकित्सालय हैं उनमें भी ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त मात्रा में नहीं होने के कारण रोगियों को अन्यत्र इलाज के लिए बिना भर्ती किए लौटाया जा रहा है।
निजी चिकित्सालयों को भी नियमित रूप से ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति नहीं की जा रही है। सआदत चिकित्सालय में कोविड-19 के मरीजों के लिए पलंगों की संख्या भी बढ़ाई जाना जरूरी है। सभी वेंटीलेटर का उपयोग किया जाए तो मृतकों की संख्या में कमी आए। रेमेडीशिवर इंजेक्शन भी पर्याप्त नहीं है। उन्होंने चिकित्सा संबंधी जनोपयोगी सेवाओं को दुरुस्त करने के आदेश जारी करने को कहा है।